बीकानेर को मिले तारबंदी के 17 लाख मीटर लम्बाई के लक्ष्य, किसानों को 50 से 70 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान

बीकानेर को मिले तारबंदी के 17 लाख मीटर लम्बाई के लक्ष्य, किसानों को 50 से 70 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान
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बीकानेर को मिले तारबंदी के 17 लाख मीटर लम्बाई के लक्ष्य, किसानों को 50 से 70 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान


बीकानेर, 30 जून (हि.स.)। फसलों की सुरक्षा के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से राजस्थान एग्री इन्फ्रा मिशन के तहत खेतों की कांटेदार या चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दिया जा रहा है।

संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए जिले को कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी योजना के लिए कुल 17 लाख मीटर लम्बाई केभौतिक लक्ष्य आवंटित किए गए हैं। इन लक्ष्यों का कृषि पर्यवेक्षक मुख्यालय वार आवंटन कर जिले के किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा।

सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने बताया योजना में किसानों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए समूह में यदि न्यूनतम 10 किसान मिलकर 5 हेक्टेयर (20 बीघा पक्की) भूमि में तारबंदी करवाते हैं, तो सभी किसानों को सत्तर प्रतिशत अनुदान राशि के हिसाब से प्रति कृषक अधिकतम 400 मीटर लंबाई पर 56 हजार की अनुदान राशि मिलेगी। व्यक्तिगत/समूह में एक ही जगह पेरिफेरी में न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर (6 बीघा पक्की) भूमि पर तारबंदी करवाने पर लघु-सीमांत किसानों को 400 मीटर लंबाई पर अधिकतम 48 हजार रुपये एवं सामान्य किसानों को 40 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा।

कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने बताया कि इच्छुक एवं पात्र किसान को तारबंदी पर अनुदान के लिए प्रस्तावित भूमि की पेरीफेरी का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा, ट्रेस व जमाबंदी एवं जनाआधार कार्ड, लघु-सीमान्त प्रमाण पत्र लेकर नजदीकी ई-मित्र केंद्र या स्वयं के द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पत्रावलियों की प्राथमिकता से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि किसान, व्यक्तिगत या समूह में खेतों की तारबंदी करते समय 15 फीट की दूरी पर खम्भे लगाएं व 5 कांटेदार वायर आड़े व 2 कांटेदार वायर क्रोस लगाए या चैनलिंक जाल भी लगा सकते हैं। लोहे व सीमेंट के खम्बे की सुरक्षा के लिए भूमि में पीसीसी करना जरूरी है। तारबंदी पर व्यय राशि के समस्त बिल किसानों को उपलब्ध करवाने होंगे। कार्य पूर्ण होने के उपरांत सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाएगा। अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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