आदिवासियों का महाकुंभ बेणेश्वर मेला मंगलवार से, लोक कलाओं और संस्कृति के आंगन में उमडे़गा श्रद्धा का सैलाब

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आदिवासियों का महाकुंभ बेणेश्वर मेला मंगलवार से, लोक कलाओं और संस्कृति के आंगन में उमडे़गा श्रद्धा का सैलाब


आदिवासियों का महाकुंभ बेणेश्वर मेला मंगलवार से, लोक कलाओं और संस्कृति के आंगन में उमडे़गा श्रद्धा का सैलाब


आदिवासियों का महाकुंभ बेणेश्वर मेला मंगलवार से, लोक कलाओं और संस्कृति के आंगन में उमडे़गा श्रद्धा का सैलाब


डूंगरपुर, 19 फरवरी (हि.स.)। पर्यटन विभाग राजस्थान और जिला प्रशासन डूंगरपुर के संयुक्त तत्वावधान में वागड़ संस्कृति के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर बेणेश्वर धाम पर मंगलवार, 20 फरवरी से 24 फरवरी तक बेणेश्वर मेला आयोजित होगा। मेले में 22 फरवरी को शाम 7 बजे से स्थानीय कलाकार भजनों की प्रस्तुति देंगे। 23 और 24 फरवरी को शाम 7 बजे से पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और पर्यटन विभाग की ओर से लोक कलाओं पर आधारित प्रस्तुतियां दी जाएगी। मेले में ट्राइबल स्पोर्ट्स, जुलूस, ट्राइबल बाजार, गेर नृत्य प्रतियोगिता, वागड़ श्री और वागड़ नी रूपारी, साफा बांधो प्रतियोगिता, दीपदान सहित अन्य गतिविधियां भी आकर्षण का केंद्र रहेगी। मेले में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि बेणेश्वर धाम मेला पूरे देश में एक विशिष्ट सांस्कृतिक और लोक महत्त्व की पहचान रखता है। जिला प्रशासन की ओर से मेले में आने वाले हर श्रद्धालु की सुरक्षा और आध्यात्मिकता को ध्यान में रखते हुए प्रबंध किए गए हैं। श्रद्धालुओं से भी अपील है कि बेणेश्वर धाम मेले में धार्मिक और सांस्कृतिक गरीमा को बनाए रखने में सहयोग करें।

- गैर प्रतियोगिता 24 फरवरी को

आदिवासियों के कुंभ के नाम से मशहूर बेणेश्वर मेले में जिला प्रशासन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, नेहरू युवा केन्द्र डूंगरपुर के संयुक्त तत्वावधान में 24 फरवरी को गैर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। बांसुरी, ढोल, नगाड़े और ढोल की गूंज के बीच थिरकते कदम मेले में आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। जिला युवा अधिकारी प्रदीप कुमार मीणा ने बताया कि गैर नृत्य में प्रथम विजेता को 11 हजार, द्वितीय को 8 हजार और तृतीय को 5 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा। भाग लेने वाले प्रत्येक दल को 5 हजार रूपए का टीए डीए दिया जाएगा। कलाकार अपनी पारम्परिक वेशभूषा व वाद्ययंत्र सहित भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि गैर नृत्य राजस्थान की संस्कृति की पहचान हैं और मेले में विदेशी सैलानियों को भी गैर करते देखा जा सकता हैं।

- असामाजिक तत्वों पर रहेगी कड़ी नजर

उपखण्ड अधिकारी साबला सुनील कुमार ने बताया कि मेले के दौरान असामाजिक तत्वों और कानून व्यवस्था बिगाड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बेणेश्वर धाम स्थल पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। धार्मिक स्नान करते हुए विशेषकर महिलाओं व युवतियों की किसी भी तरीके की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने, धाम स्थल पर धूम्रपान एवं धूम्रपान की सामग्री की बिक्री एवं उसके प्रचार-प्रसार व उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। इसकी सख्ती से पालना की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष व्यास/ईश्वर /ईश्वर

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