भारत के नव निर्माण में भागीदार बनें :डॉ. मोक्षराज
भीलवाड़ा, 14 अप्रैल (हि.स.)। भारत विश्व की मूल समृद्धशाली संस्कृति का केंद्र है। प्राचीनकाल में विश्व के हर कोने से आर्यावर्त्त की भूमि पर लोग शिक्षा पाने आते थे। महाभारत काल के बाद भारत की आर्थिक एवं सांस्कृतिक विरासत को भारी क्षति पहुंची किंतु, अब भारत सर्वतोमुखी विकास की नई करवट ले रहा है, अतः भारत के नव निर्माण के लिए हम सभी नागरिकों को कटिबद्ध होने की आवश्यकता है।
उक्त विचार अमेरिका स्थित भारतीय राजदूतावास वाशिंगटन डीसी में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक एवं भारतीय संस्कृति शिक्षक रहे डॉ. मोक्षराज ने आर्यसमाज भीलवाड़ा में ‘राष्ट्र अभ्युदय एवं हमारे दायित्व’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्र के सशक्तीकरण एवं स्वदेशीय स्वाभिमान के व्यापक जागरण की आवश्यकता है।
इस अवसर पर आर्यसमाज भीलवाड़ा के प्रधान विजय शर्मा, मंत्री अशोक टोडावाल, कोषाध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पंड्या, शंकर सिंह आर्य एवं गोपाल शर्मा आदि ने डॉ. मोक्षराज, समाजसेवी अनिल पुरोहित, नन्दकिशोर अग्रवाल एवं ओम्प्रकाश मीणा को मंत्रपट्टिका पहनाकर सम्मानित किया। समारोह में ओम्प्रकाश सोनी, किरण शर्मा, बाल मुकुंद आर्य, देवेंद्र आर्य, पुरोहित शिवकुमार शास्त्री, किरण शर्मा, रतन देव आर्य आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।