पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बन हरियालो राजस्थान का करें निर्माण : मुख्यमंत्री
-75वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव : आगामी पांच वर्षों में राजस्थान में लगेंगे 50 करोड़ वृक्ष
जयपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। हम ईश्वर का वास मानकर वृक्षों, नदियों और पहाड़ों को पूजते हैं। राज्य सरकार द्वारा भी इसी सोच के साथ आज हरियाली तीज के अवसर पर एक ही दिन में प्रदेशभर में एक करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इन पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पौधों की जियो टैगिंग भी की जाएगी। हम सभी को इस पहल में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए, ताकि हरियालो राजस्थान का निर्माण हो सके।
शर्मा बुधवार को हरियाली तीज के अवसर पर दूदू के गाडोता में आयोजित 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में उपस्थित जनसमूह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान वह धरा है, जहां मां अमृता देवी सहित 363 लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने जीवन का बलिदान किया था। पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का यह एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पेड़ों के संरक्षण की दिशा में वन महोत्सव एक आशा की किरण के रूप में उभरा है। मानसून का यह समय वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि इस समय लगाए गए पौधे शीघ्र बढ़ते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पर्यावरण दिवस के दिन ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान शुरू किया गया। यह उनका प्रकृति की सेवा और मां के प्रति सम्मान का अनुकरणीय भाव है। यह अब जनअभियान बन गया है। हर व्यक्ति एक पौधा लगाकर मां और धरती मां को सम्मान दे रहा है। उन्होंने आमजन से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ लगाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्थानीय समुदायों, एनजीओ, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय निकायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2020 में नगर वन योजना की भी शुरूआत की गई।
शर्मा ने कहा कि मोदी की पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा से राज्य सरकार ने इस वर्ष ‘‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान’’ प्रारम्भ कर 7 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है। सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस अभियान के तहत आगामी पांच वर्षों में 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। लगाये गये पौधों को पेड़ बनाने के लिए पौधों की सुरक्षा एवं देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, शहरी निकायों एवं आमजन को पौध उपलब्ध कराकर तकनीकी सहायता भी दी जा रही है, ताकि वृक्षारोपण को गति मिल सके।
आमजन की सहभागिता से स्मृति वन की तर्ज पर प्रत्येक जिले में ‘‘मातृ वन’’ की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘मातृ वन’’ में विभिन्न प्रजातियों जैसे बड़, पीपल, गूलर, पिलखन, नेती पीपल, माखन कटोरी इत्यादि पौधे लगाये जाएंगे। वृक्ष प्रेमियों को ‘‘राज जिओ ट्री एप’’ के माध्यम से 51 लाख प्रशस्ति पत्र वितरित किये जाएंगे। पौधों की देखरेख के लिए दाे हजार ‘वन मित्र’ लगाए जा रहे हैं, जिसके तहत इच्छुक सेवानिवृत्त कर्मचारी को संरक्षक के रूप में जिम्मेदारी दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसान, गरीब, महिला, युवा सहित सभी वर्गों को राहत देने के लिए निरंतर काम कर रही है। किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 450 रूपये में गैस सिलेंडर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृ़द्ध, पेपर लीक प्रकरणों के लिए एसआईटी का गठन सहित विभिन्न ऐसे निर्णय किए गए हैं, जिससे सभी को संबल मिले। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संकल्प पत्र में किए गए प्रत्येक वादे को पूरा कर रही है।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को जागरूकता से काम करना होगा, जिससे आने वाली पीढ़ी को हम एक स्वच्छ एवं सुरक्षित धरोहर दे सकें। संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने वृक्षारोपण की अनुपम पहल के तहत अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान किया। वन राज्य मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में देश में सबसे ज्यादा पौधे राजस्थान में लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर शर्मा ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चार के साथ पीपल का पौधा लगाकर हरियालो राजस्थान अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने पेड़ को मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जियो टैग भी किया। उन्होंने ड्रोन के माध्यम से बीजारोपण करने की तकनीक का निरीक्षण किया तथा स्वयं ड्रोन उड़ाकर परिसर में बीजारोपण भी किया। उन्होंने अधिकारियों को ड्रोन बीजारोपण तकनीक का पहाड़ी क्षेत्र में उपयोग करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बर्ड्स ऑफ जयपुर, खेजड़ी और मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महा अभियान-2024 पुस्तकों का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने महोत्सव में अमृता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार के तहत वन विकास एवं वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए। वन विकास एवं वन्यजीव सुरक्षा श्रेणी में उदयपुर की सती की चोरी वन सुरक्षा एवं प्रंबंध समिति को वर्ष 2020 के लिए पुरस्कृत किया गया। वन विकास, संरक्षण एवं वन सुरक्षा श्रेणी में नारायण लाल कुमावत (वर्ष 2019), राजसमंद के श्याम सुन्दर पालीवाल (वर्ष 2020), सीकर की अभिलाषा व भरतपुर के बच्चू सिंह वर्मा (वर्ष 2021) तथा कोटा के पवन कुमार जैन (वर्ष 2022) को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार वन्यजीव संरक्षण एवं सुरक्षा श्रेणी में नागौर के गजेन्द्र सिंह मांझी (वर्ष-2020), उदयपुर के पदम सिंह राठौर (वर्ष 2021) तथा जयपुर के मोहित शर्मा व दिव्या शर्मा (वर्ष 2022) को संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा पांच व्यक्तियों को रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व रिलोकेशन की किश्त भी जारी की गई। साथ ही, हरियालो राजस्थान अभियान के अंतर्गत पंचायत समिति मौजमाबाद को प्रशस्ति पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का माल्यार्पण से स्वागत किया गया तथा वन राज्य मंत्री ने उन्हें सारस की तस्वीर भेंट की। इससे पहले शर्मा ने परिसर में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को रक्षासूत्र भी बांधा।
कार्यक्रम में देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष ओम प्रकाश भड़ाना, जिला प्रमुख रमा देवी, जयपुर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर, मुख्य सचिव सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक यू. आर. साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण अपर्णा अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / ईश्वर
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