वाणी व विवेक का संतुलन जीवन में खुशहाली लाता है- डॉ. उपाध्याय

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वाणी व विवेक का संतुलन जीवन में खुशहाली लाता है- डॉ. उपाध्याय


वाणी व विवेक का संतुलन जीवन में खुशहाली लाता है- डॉ. उपाध्याय


अजमेर,14 फरवरी(हि.स.)। अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के संकुल भवन में संचालित हिंदी विभाग में बुधवार को बसंत उत्सव व सरस्वती जयंती का आयोजन किया गया। विभाग प्रभारी व प्रबंध अध्ययन संकाय में सह आचार्य डॉ दीपिका उपाध्याय ने कहा कि वाणी व विवेक का संयम मनुष्य में खुशहाली का भाव उत्पन्न करता है ।

बसंत जीवन में नवीन उत्साह का संचार करता है। विभाग में अतिथि शिक्षक सहायक आचार्य डॉ. नेमीचंद तंबोली ने कहा कि सु बुद्धि और कु बुद्धि का विचार वातावरण के प्रभाव से निर्मित होता है और यह विचार मां सरस्वती की कृपा से निर्मित होता है। वातावरण का प्रभाव जीवन को सहज एवं सरल बनाने में मददगार साबित होता है। बसंत की कोपल नवजीवन का संदेश देती है, जो जीवन में उत्साह के लिए प्रेरित करता है। अतिथि सहायक आचार्य सुश्री चंचल मेहरा ने कहा कि सरस्वती जयंती पर पीले वस्त्र ,पीले फूल आदि का महत्व है। पीला रंग हमें जीवन में खुशी की ओर ले जाता है। बदलती ऋतु हमें जीवन की विविधता का संदेश देती है। सुख-दुख जिस प्रकार मनुष्य के जीवन में आते जाते रहते हैं, वैसे ही कभी पतझड़ तो कभी बसंत हमारे जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है । इस मौके पर एम ए पूर्वार्ध की सीमा कंवर, रमेश सालवी उत्तरार्द्ध के कमल डाबरिया प्रीतेश पारीक, योगिता शर्मा, विजय लक्ष्मी राठौर,खुशी आदि भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की गई।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर

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