सूडसर गांव का बीए पास प्रकाश कुमावत मात्र 21 वर्ष की उम्र में बना सॉफ्टवेर इंजिनियर
बीकानेर, 6 जून (हि.स.)। शरीर से दिव्यांग और अनपढ़ किसान राजू राम ने कभी ये नहीं सोचा होगा की उसकी कोई संतान शहर से दूर बसे इस गांव से निकलकर कभी टेक्नोलॉजी की दुनिया में दस्तक देगी लेकिन ये कारनामा कर दिखाया उनके तीनों बेटों में सबसे छोटे बेटे प्रकाश ने । बीए पास प्रकाश ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में जयपुर की प्रोविस टेक्नोलॉजीस बतौर सॉफ्टवेर इंजिनियर ज्वाइन किया है।इतनी कम उम्र में और बिना सॉफ्टवेर या इंजीनियरिंग की डिग्री लिए प्रकाश ने जो किया है वो ये साबित करता है इंसान चाहे तो वो क्या नहीं कर सकता। लेकिन प्रकाश इसका सारा अपने गुरु पुखराज प्रजापत को देते हैं वो कहते हैं की हमारे गुरु ही है जो हमारे द्वारा इस प्रकार के कारनामे करवा सकते हैं वरना हम अकेले ऐसा कुछ नहीं कर सकते। प्रकाश बताते हैं की उनको सबसे पहली बार बाबूलाल ने पुखराज सर से मिलवाया था और कहा था कि अगर वाकई में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक शानदार करियर बनाना है तो पुखराज सर पूरे मनोयोग से अनुसरण करना और उनके द्वारा कई वर्षों की रिसर्च के आधार पर बनाये गए ट्रेनिंग प्रोग्राम को फॉलो करना। गौरतलब है की बाबूलाल स्वयं पुखराज सर से ट्रेनिंग लेकर आज मास्टर इंडिया कंपनी में एक बड़े पद पर कार्यरत है एवं वो स्वयं भी मात्र 12 वीं पास है।
प्रकाश बताते हैं की मैं रोजाना गांव सूडसर से रेल में बीकानेर आता था और वहां से कभी टैक्सी तो कभी पैदल की क्लास की तरफ जाता। क्लास पूरी होने का बाद मैं शाम को फिर रेल से ही गांव जाता। लगभग डेढ़ साल चला ये सफ़र बहुत ही थका देने वाला था। कई बार परिवार वालों को ऐसा लगा की मैं किसी दिवास्वप्न के पीछे भाग रहा हूँ, ऐसा शायद ही होता होगा लेकिन मेरा विश्वास कभी भी नहीं डगमगाया। टेक्नोलॉजी एक ऐसा क्षेत्र है जिसको सीखने और सफलतापूर्वक काम करने के लिए एक विशेष प्रकार की मानसिक दक्षता चाहिए, लेकिन पुखराज सर के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इतनी मजबूती है की जहाँ भी हमें समस्या आती पुखराज सर हमें अपने अलग ही अंदाज में उस समस्या से सामना करना सिखाते। अपने ट्रेनिंग पीरियड के दौरान मैंने वेब टेक्नोलॉजीज में कई प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज और प्लेटफॉर्म्स सीखे और देखते ही देखते मैं एक फुल स्टैक डेवलपर बन गया। आज मैं किसी भी वेब एप्लीकेशन के सर्वर साइड और फ्रंट एंड पर काम करके उसको सफलतापूर्वक बना सकता हूं।हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर
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