पंडित उपाध्याय का चिंतन आज भी प्रांसगिक- देवनानी

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पंडित उपाध्याय का चिंतन आज भी प्रांसगिक- देवनानी


जयपुर, 24 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर नमन करते हुए कहा है कि पं. उपाध्याय का राजनैतिकृ, सामाजिक, आर्थिक, दार्शनिक एवं शैक्षिक चिंतन वर्तमान में उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता के समय थे।

उन्होंने कहा कि पं. उपाध्याय ने श्रेष्ठ एवं शक्तिशाली रूप में एक विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी। आज के युवा छात्र व शिक्षक दोनों ही उनके व्यक्तित्व से विभिन्न रूपों में प्रेरणा ले सकते हैं। देवनानी ने कहा कि पं. उपाध्याय ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्ममानववाद विचारधारा दी। वे एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। देवनानी ने कहा कि वर्तमान समय में समाज व राष्ट्र की जो दशा है, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने इसकी कल्पना कई दशक पहले ही कर ली थी। किसी भी समाज व् राष्ट्र की उन्नति में सबसे महत्वपूर्ण तत्व वहां की शिक्षा व्यवस्था होती है। यह समय पं. उपाध्याय के विचारों पर कार्य करने का है।

हिन्दुस्थान समाचार / इंदु

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