अश्वमेध महायज्ञ इक्कीस फरवरी से
जयपुर, 18 फ़रवरी (हि.स.)। रामजी के वनवास पूरा करके अयोध्या लौटने पर अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन हुआ था। अब फिर से पांच सौ साल के संघर्ष के बाद राम लला के पुनः अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान होने पर अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन इस बार इस महायज्ञ का आयोजन अयोध्या में नहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के खारघर में किया जा रहा है।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्वावधान में राष्ट्र को सक्षम, समर्थ एवं समृद्ध बनाने के लिए महान आध्यात्मिक प्रयोग के रूप में 21 से 25 फरवरी तक होने वाले अश्वमेध महायज्ञ छोटी-काशी के बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि गायत्री परिवार के बैनर तले देश का पहला अश्वमेध महायज्ञ 1992 में जयपुर में हुआ था। यह 49 वां अश्वमेध महायज्ञ है। ऐसे में राजस्थान के लोगों में इस महायज्ञ को लेकर भारी उत्साह है। गायत्री परिवार राजस्थान के कार्यकर्ता वहां भोजनालय संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे। महायज्ञ के दौरान लघु भारत का स्वरूप रहेगा। देश ही नहीं विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें भागीदारी करेंगे।
गायत्री परिवार राजस्थान जोन के प्रभारी जयसिंह यादव अपनी टीम के साथ एक माह से मुंबई में ही डेरा डाले हुए हैं। उनके निर्देशन में वहां तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अश्वमेधिक अनुष्ठान से जन मानस को आध्यात्मिक आहार मिलेगा। भारतीय संस्कृति के मानदंडों के अनुरूप अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के सारी गतिविधियां संचालित होंगी। इस यज्ञ के पीछे गायत्री परिवार का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के विकास के साथ-साथ संपूर्ण मानव जाति के उत्थान का है। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में जो उत्साह का माहौल है इस महायज्ञ से वह गई गुणा बढ़ जाएगा।
दिखेगी राजस्थान की झलक झांकी
गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि मुंबई अश्वमेध महायज्ञ में राजस्थान की आन-बान-शान की झलक झांकी देखने को मिलेगी। राजस्थान के भोजनालय को राजस्थानी थीम पर सजाया गया है। भोजनालय में राजस्थान के वीर महापुरुष, किले, महल भी देखने को मिलेंगे। श्रद्धालुओं को राजस्थानी पगड़ी पहनकर भोजन परोसा जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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