अरावली बचाओ–जीवन बचाओ सत्याग्रह : हजारों लोगों ने निकाली पदयात्रा
जयपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के नेतृत्व में रविवार को अरावली बचाओ–जीवन बचाओ सत्याग्रह की शुरुआत हुई। इस दौरान खाचरियावास हाउस से अंबेडकर सर्किल तक हजारों लोगों ने पदयात्रा निकाली और सचिवालय के पास स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे 45 मिनट का मौन सत्याग्रह कर आंदोलन का आगाज किया।
खाचरियावास ने भाजपा सरकार पर अरावली पर्वतमाला को समाप्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए पूरी तरह केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ “झूठ के जनरेटर” हैं और सरकार जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की, जिसने उद्योगपतियों से सांठगांठ कर गलत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की। इस रिपोर्ट में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली नहीं मानने की सिफारिश की गई, जिससे 90 प्रतिशत अरावली पहाड़ियां खत्म होने का खतरा पैदा हो गया।
खाचरियावास ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं हैं और केंद्र सरकार को अपना रुख बदलते हुए अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। अन्यथा संघर्ष और टकराव होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि चाहे कितनी भी बड़ी ताकत लगा दी जाए, अरावली में किसी भी कीमत पर खनन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अरावली पर्वतमाला राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली सहित आधे हिंदुस्तान को रेगिस्तान बनने से बचाने, वर्षा, हरियाली, स्वच्छ हवा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। यदि अरावली खत्म हुई तो जीवन संकट में पड़ जाएगा।
खाचरियावास ने यह भी कहा कि माइंस एंड मिनरल्स केंद्र सरकार का विषय है और पर्यावरण से जुड़े सभी अधिकार केंद्र के पास हैं। ऐसे में पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर जिम्मेदारी डालना सरासर झूठ है। भाजपा सरकार की कमेटी की रिपोर्ट के कारण ही यह स्थिति बनी है और फैसला तुरंत बदला जाना चाहिए।
पदयात्रा के दौरान लोग हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर “अरावली बचाओ–जीवन बचाओ” के नारे लगाते हुए अंबेडकर सर्किल पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह लोगों ने फूल बरसाकर पदयात्रियों का स्वागत किया। सत्याग्रह में बड़ी संख्या में आमजन, कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

