इकराम राजस्थानी को अणुव्रत लेखक पुरस्कार
जयपुर, 17 नवंबर (हि.स.)। अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी की ओर से मुम्बई के नंदनवन में अणुव्रत आंदोलन के अमृत महोत्सव के अवसर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार इकराम राजस्थानी को अणुव्रत लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
संस्थान अध्यक्ष अविनाश नाहर ने बताया कि अपनी रचनाओं के जरिए राष्ट्रहित में अद्वितीय योगदान निभाने और साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करने के लिए इकराम राजस्थानी को इस सम्मान से नवाजा गया है। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में आयोजित इस समारोह में इकराम राजस्थानी को अभिनन्दन पत्र, स्मृति चिन्ह आदि भेंट किए गए। समारोह में हुए कवि सम्मेलन में इकराम राजस्थानी ने अपनी रचनाएं भी सुनाई। 'जुड़ा इस देश की माटी से,मेरा नाम रहता है!ये धरती राम की है, इसमें ही इक राम रहता है।' 'अयोध्या लौट कर जब, सूर्य वंशी राम आयेंगे, उजालों के लिए,माटी के दीपक,काम आयेंगे, तू जैसा है, दिख रहा, मत कर इतना रोष! क्यों इतना झल्ला रहा, दर्पण का, क्या दोष?' सरीखी रचनाओं से उन्होंने समां बांधा।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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