मनरेगा के तहत लाभार्थी की निजी भूमि पर पशु आश्रय का हाे सकता है निर्माण

WhatsApp Channel Join Now
मनरेगा के तहत लाभार्थी की निजी भूमि पर पशु आश्रय का हाे सकता है निर्माण


जयपुर, 3 फ़रवरी (हि.स.)। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत अनुमत कार्यों की श्रेणी बी के तहत पशुपालन के लिए बकरी आश्रय, शूकर आश्रय एवं कुक्कुट आश्रय आदि का निर्माण लाभार्थी की निजी भूमि पर कराने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन के रख-रखाव के लिए टीनशेड निर्माण के लिये आर्थिक स्वीकृति देने की कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है।

प्रश्नकाल के दौरान खराड़ी इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई घोषणा के तहत प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना के माध्यम से पशुपालन विभाग द्वारा फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत जनजाति वर्ग के पट्टा धारकों को भेड़, बकरी, सूअर एवं मुर्गीपालन विकास के लिए अनुदान दिया जाएगा।

इससे पहले विधायक गोपीचंद मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रख-रखाव के लिए टीनशेड निर्माण के लिये जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा नियम प्रावधान बनाकर आर्थिक स्वीकृति देने की वर्तमान में कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है।

उन्होंने बताया कि पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रख-रखाव के लिए टीनशैड निर्माण कराने का प्रस्ताव पशुपालन विभाग के माध्यम से प्राप्त होने पर उनकी आवश्यकता, बजट की उपलब्धता एवं उपादेयता के आधार पर परीक्षण कर विचार किया जा सकेगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

Share this story