कृषि विश्वविद्यालय : कृषि वानिकी परियोजना पर्यावरणीय संतुलन का बेहतरीन उदाहरण : प्रो. जैकबसन

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कृषि विश्वविद्यालय : कृषि वानिकी परियोजना पर्यावरणीय संतुलन का बेहतरीन उदाहरण : प्रो. जैकबसन


जोधपुर, 24 दिसम्बर (हि.स.)। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर में एग्रोफॉरेस्ट्री, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए ओरिएंटेशन बैठक आयोजित की गई। बैठक में पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के वन संसाधन विभाग के प्रोफेसर माइकल जैकबसन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

बैठक के दौरान प्रो. जैकबसन ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर में संचालित एग्रोफॉरेस्ट्री परियोजनाएं उत्कृष्ट प्रबंधन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं पर्यावरणीय संतुलन का बेहतरीन उदाहरण हैं। उन्होंने एएफएस प्रक्षेत्रों की संरचना, जैव विविधता, बीज बैंक तथा प्राकृतिक खेती पद्धतियों की विशेष रूप से सराहना की। बैठक में मौजूद निदेशक अनुसंधान डॉ. एमएम सुंदरिया ने अपने संबोधन में एएफएस परियोजना की निरंतर प्रगति, बहु-विषयक अनुसंधान तथा इसके सकारात्मक परिणामों की चर्चा करते हुए इस परियोजना को विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।

बैठक के दौरान किसान कौशल विकास केंद्र के प्रभारी डॉ प्रदीप पगारिया ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रक्षेत्र विकास, उत्पादन, जैव विविधता, बीज बैंक, प्राकृतिक कीट प्रबंधन तथा जीवामृत आधारित प्राकृतिक खेती की अवधारणा को विस्तार से बताया। इस दौरान उप कुलसचिव डॉ. आरएस चौधरी ने कृषि विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए विश्वविद्यालय की अनुसंधान, शिक्षा एवं विस्तार गतिविधियों की जानकारी साझा की।

बैठक में कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर एवं पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के मध्य संयुक्त अनुसंधान, छात्र-शिक्षक आदान-प्रदान तथा विस्तार गतिविधियों को लेकर सकारात्मक विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान प्रो. माइकल जैकबसन ने कृषि वानिकी परियोजना में डॉ. कृष्णा सहारण की ओर से संचालित अनुसंधान कार्यों में रुचि व्यक्त करते हुए भविष्य में संयुक्त अनुसंधान एवं सहयोगात्मक गतिविधियों की संभावनाओं पर भी सहमति जताई।

इस दौरान डॉ. कृष्णा सहारण के नेतृत्व में प्रो. माइकल जैकबसन एवं विश्वविद्यालय के समिति सदस्यों ने एग्रोफॉरेस्ट्री सिस्टम प्रक्षेत्रों का भ्रमण किया। उन्होंने प्रक्षेत्र में संचालित अनुसंधान, किसान प्रशिक्षण, परियोजना क्रियान्वयन, छात्रों की भागीदारी एवं पर्यावरणीय सततता से संबंधित सभी गतिविधियों की जानकारी ली।

कुलगुरु प्रो. वीएस जैतावत ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विश्वविद्यालय शुष्क एवं अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के लिए एग्रोफॉरेस्ट्री आधारित टिकाऊ कृषि मॉडल विकसित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग, ज्ञान, अनुसंधान एवं किसानों के हित के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

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