अजमेर वैश्य समाज ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर किया प्रदर्शन
अजमेर, 30 सितम्बर(हि.स)। अजमेर के वैश्य समाज की ओर से सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन कर अजमेर पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा से भारतीय जनता पार्टी के निष्कासित पार्षद विरेन्द्र वालिया और उसके बेटे के खिलाफ क्रिश्चियनगंज पुलिस थाने में दर्ज मामले में समाज बंधु दिनेश खण्डेलवाल को धमकाने पर गिरफ्तारी मांगी है।
वैश्य समाज के प्रतिनिधि कालीचरण खण्डलेवाल ने बताया कि समाज के एक बंधु की करोड़ों की कीमत वाली जमीन पर भाजपा से निष्कासित पार्षद विरेन्द्र वालिया ने नगर निगम के जेईएन व अन्य कार्मिकों के साथ मिलीभगत कर कब्जाने की कोशिश की है। जिसकी सूचना पर वे लोग मौके पर पहुंचे तो पीड़ित समाज बंधु दिनेश खण्डेलवाल से 50 लाख की डिमांड की गई मना करने पर जबरदस्ती परेशान कर हाथापाई की गई। निगम के कर्मचारियों को बुलाकर मौके पर बाउण्ड्री तोड़ी गई। इतना ही नहीं समाज बंधु के खिलाफ झूठी एफआईआर भी दर्ज कराई गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि निष्कासित पार्षद ने नगर निगम के कर्मचारियों से सांठगांठ कर शनिवार को छुट्टी के दिन दवाब बनाने के लिए यह काम किया है। इस मामले में पीड़ित दिनेश खण्डेलवाल ने बताया कि उसके पिता शंकरलाल खण्डेलवाल ने 1973 में अजमेर वैशाली नगर लॉयंस क्लब भवन के पीछे करीब सवा बीघा जमीन खरीदी थी। जिसका वर्तमान में मालिकाना हक उसके व उसके भाई के पास है।
उधर, वैश्य समाज बंधुओं के द्वारा एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन देख कर निष्कासित पार्षद विरेन्द्र वालिया भी ज्ञापन देने एसपी कार्यालय पहुंच गया और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर ही मीडिया से मुखातिब होकर एक अन्य पार्षद चंद्रेश सांखला पर भूमाफिया होने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ झूठ फैलाने और राजनीतिक द्वैषता रखने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष
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