अजमेर वाले ख्वाजा का 814वां सालाना उर्स का झंडा चढ़ा

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अजमेर वाले ख्वाजा का 814वां सालाना उर्स का झंडा चढ़ा


चांद दिखाई देने पर 21 दिसंबर की रात से होगी विधिवत शुरुआत

अजमेर, 17 दिसम्बर(हि.स.)। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की अजमेर स्थित दरगाह में शाम को बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने के साथ ही 814वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई। भीलवाड़ा के फखरूद्दीन गौरी की अगुवाई में गौरी परिवार के लोगों ने उर्स का झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की। इस दौरान ढोल ताशे बजे और तोपों की सलामी दी गई। झंडे का जुलूस दरगाह गेस्ट हाउस से शुरू हुआ और गाजे बाजे और सूफियाना कलाम के साथ दरगाह पहुंचा। इस दौरान दरगाह में भारी भीड़ थी। करीब 300 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात थे। बुलंद दरवाजे पर पासधारी को ही चढ़ने की अनुमति दी गई थी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि उर्स को लेकर दरगाह व कायड़ विश्राम स्थली क्षेत्र में सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जा चुके हैं। उर्स की धार्मिक रस्म चांद दिखाई देने पर 21 दिसम्बर से शुरू होगी किन्तु उर्स से पहले शनिवार को यानी 20 दिसम्बर को परम्परानुसार मजार शरीफ से संदल उतारा जाकर जायरीन में वितरण किया जाएगा।

अंजुमन सैयद जादगान के सदर सैयद गुलाम किबरिया और सचिव सरवर चिश्ती ने बताया कि 28 जमादि उसमानी यानी 20 दिसम्बर को मजार शरीफ पर सालभर में पेश किया गया संदल उतारा जाकर जायरीन में बांटा जाता है।29 जमादि उस्मानी 29 दिसम्बर से खादिमों की ओर से सुबह साढ़े चार बजे जन्नती दरवाजा खोला जाएगा। इसी दिन रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक शाम साढ़े छह बजे होगी। चांद दिखाई देने पर रात्रि 11 बजे पहली महफिल होगी। रजब 22 अथवा 23 दिसम्बर से 6 रजब यानी 26 या 27 दिसम्बर तक विभिन्न रसूमात होंगे। छठी शरीफ पर सुबह 9 से 4 बजे तक आस्ताना शरीफ जायरीन के लिए बंद रहेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

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