भीषण गर्मी में भी जैविक केंचुआ खाद बनाने में सक्षम होंगे 

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भीषण गर्मी में भी जैविक केंचुआ खाद बनाने में सक्षम होंगे 


-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान उत्तरप्रदेश के साथ एमओयू

जोधपुर, 1 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान के किसान अब भीषण गर्मी में भी जैविक केंचुआ खाद बनाने में सक्षम हो पायेंगे। दरअसल कृषि विश्वविद्यालय , जोधपुर ने राजस्थान के किसानों को बड़ी सौगात देते हुए जय गोपाल वर्मीकल्चर तकनीक के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, उत्तरप्रदेश के साथ एमओयू किया है। गौरतलब है कि अन्य प्रजातियों के केंचुएं 30 से 40 डिग्री तापमान तक ही जीवित रह पाते हैं। लेकिन 'जय गोपाल’ स्वेदशी केंचुआ की प्रजाति 2 से 46 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी जीवित रह कर तेजी से जैविक खाद बनाने में सक्षम है।

कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार के अनुसार इस तकनीकी के हस्तांतरण से गर्म जलवायु वाले प्रदेश, राजस्थान के किसानों को अत्यधिक फायदा मिलेगा। यह स्वदेशी केचुआ पर्यावरण संरक्षण के साथ भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाने में कारगर है। किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए यह तकनीक मील का पत्थर साबित होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

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