कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की राजगीरा की नई किस्म

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कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की राजगीरा की नई किस्म


-देश की चुनिंदा 109 किस्मों में मिला स्थान, रविवार काे पीएम मोदी करेंगे राष्ट्र को समर्पित

जोधपुर, 10 अगस्त (हि.स.)। जोधपुर के कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की गई राजगीरा की किस्म को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। रविवार को होने वाले कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर से चयनित उच्च पोषण युक्त विभिन्न खाद्य फसलों की 109 किस्म को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। देश में जोधपुर की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित की गई किस्म जोधपुर राजगीरा 2 को भी शामिल किया गया है। आम भाषा में इसे रामदाना वहीं उत्तर भारत में इसे चौलाई शाक के तौर पर भी जाना जाता है।

यूनिवर्सिटी के परियोजना अधिकारी और सह आचार्य डॉ मिथिलेश कुमार ने बताया कि दो अगस्त को सेंट्रल सब कमिटी आन क्रॉप स्टैंडर्ड नोटिफिकेशन एंड वैरायटी रिलीज फॉर एग्रीकल्चर क्रॉप्स की 92वीं मीटिंग, नई दिल्ली में हुई थी। जिसमें जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय की जोधपुर राजगीरा -1 एवं जोधपुर राजगीरा- 2 किस्मों को विमोचित किया गया था। जिसमें से जोधपुर राजगीरा-2 को राष्ट्र को समर्पित किस्मों में शामिल किया गया। डॉक्टर मिथलेश ने बताया कि जोधपुर राजगिरा- 2 को राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में चिन्हित किया गया है। इस किस्म की औसत उपज 13 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 12.7 प्रतिशत, तेल 8.33 प्रतिशत व लायसिन 4.72 प्रतिशत है। इस किस्म को उपयोग में लेने से कुपोषण में कमी के साथ ये किसानों की आय बढ़ाने में भी बहुत लाभदायक है। यूनिवर्सिटी के कुलपति अरुण कुमार ने बताया कि विकसित किस्म जोधपुर राजगीरा -2 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्र को समर्पित फसलों की किस्म में शामिल किया गया है। सुपर फूड की उच्च पोषण युक्त किस्मों को विकसित करने में विश्वविद्यालय का अभूतपूर्व योगदान रहा है, साथ ही किसानों के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश / संदीप

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