चारागाह भूमि पर बने 150 मकानों का अतिक्रमण हटाने पहुंचे बुलडोजर के आगे बैठीं महिलाएं
जालोर, 16 मई (हि.स.)। बाड़मेर रोड स्थित ओडवाड़ा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक मकान और करीब 160 कच्चे बाडे़ हटाने की कार्रवाई के दौरान गुरुवार को प्रशासन और पुलिस अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया। महिलाएं बुलडोजर और पुलिस की गाड़ियों के आगे बैठ गईं। हाईकोर्ट ने सात मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे। इसी मामले में अतिक्रमण हटाने के लिए आज सुबह जिला प्रशासन और पुलिस का जाब्ता पहुंचा था। यह कार्रवाई तीन दिन तक चलेगी।
आहोर एसडीएम शंकर लाल मीणा ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है। जहां कोर्ट का स्टे है, उन जगहों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बुलडोजर के आगे-आगे महिलाएं हाथ जोड़कर उनके आशियाने को नहीं तोड़ने की गुहार कर रही हैं। महिलाओं और ग्रामीणों को खदेड़ने के बाद अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पहले चारागाह भूमि पर बने घरों के कनेक्शन काटे। मकानों को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान एक घर के बाहर महिला बदहवास होकर गिर गई। महिलाओं ने शुरुआत में पुलिस-प्रशासन के हाथ जोड़े। कहा कि कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे। इस पर पुलिस ने समझाइश की। जब नहीं माने तो पुलिस अब बल प्रयोग के जरिए ग्रामीणों को हटा रही है। मौके पर करीब डेढ़ हजार ग्रामीण मौजूद हैं। ओडवाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने बताया कि करीब तीन साल पहले गांव के निवासी मुकेश पुत्र मुल्ल सिंह राजपुरोहित और महेन्द्रसिंह पुत्र बाबूसिंह राजपुरोहित के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था। दोनों भाइयों का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया। जमीन की नाप हुई तो करीब 440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए। इसके बाद कोर्ट के आदेश से 2022 और 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटा दिए थे। कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान और करीब 160 बाड़े हटाने को लेकर गांव में मकानों को चिह्नित कर निशान लगाए गए थे।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर
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