एनएच 158 की सात सौ मीटर सड़क बनी आंदोलन की वजह, खून से लिखा ज्ञापन

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एनएच 158 की सात सौ मीटर सड़क बनी आंदोलन की वजह, खून से लिखा ज्ञापन


एनएच 158 की सात सौ मीटर सड़क बनी आंदोलन की वजह, खून से लिखा ज्ञापन


भीलवाड़ा, 29 दिसंबर (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के आसींद कस्बे में राष्ट्रीय राजमार्ग 158 (एनएच-158) का करीब सात सौ मीटर लंबा हिस्सा पिछले चार वर्षों से अधूरा पड़ा है। हरिजन बस्ती से माधव रिसॉर्ट तक का यह मार्ग आज स्थानीय लोगों के लिए परेशानी और आक्रोश का कारण बन गया है। सड़क निर्माण में हो रही देरी और प्रशासनिक उदासीनता के विरोध में सोमवार को यूथ कांग्रेस आसींद विधानसभा अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के नेतृत्व में अनोखा और भावनात्मक विरोध देखने को मिला।

मामले को लेकर यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पीड़ित परिवारों ने अपने खून से तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन लिखकर आसींद उपखंड कार्यालय में सौंपा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि करीब चार माह पूर्व स्थानीय प्रशासन और एनएच -158 के अधिकारियों ने सड़क निर्माण का हवाला देकर सड़क की जद में आने वाले कई मकानों को हटवा दिया, लेकिन इसके बाद आज तक सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ। मकान टूटने से प्रभावित परिवार खुले आसमान के नीचे या अस्थायी व्यवस्थाओं में रहने को मजबूर हैं।

यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 4 जनवरी तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो 5 जनवरी को समस्त वार्डवासियों के साथ लोटन यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उस स्थान से शुरू होगी, जहां सड़क निर्माण रुका हुआ है, और उपखंड कार्यालय तक पहुंचेगी। इसके बावजूद भी प्रशासन नहीं जागा तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद उपखंड कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन अनशन, धरना और प्रदर्शन किया जाएगा। गुर्जर ने बेहद कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तमाम प्रयासों के बाद भी सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे देह त्याग जैसे कठोर कदम उठाने के लिए भी तैयार हैं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

वहीं पीड़ित परिवारों का दर्द भी इस आंदोलन में साफ नजर आया। उनका कहना है कि मकान तोड़ दिए गए, लेकिन न सड़क बनी और न ही उनके पुनर्वास की कोई ठोस व्यवस्था की गई। बरसात और धूल के कारण बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रभावित सुशीला माली ने कहा कि हमारे मकान सड़क के नाम पर तोड़ दिए गए, लेकिन चार महीने बाद भी सड़क नहीं बनी। न रहने की जगह है, न कोई सुनवाई।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद

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