वृंदावन में सभी प्रदेशों के गौ भक्तों की एक विशेष गो सभा होगी आयोजित
जयपुर, 24 दिसंबर (हि.स.)। देश में गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिये चारो पीठों के पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य व देश के प्रतिष्ठित पूज्य संत महापुरुषों ने स्वतः स्फूर्त गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वाधान में गौ संसद के अंतर्गत काशी (वाराणसी) से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गौ दूतों की नियुक्ति की गई है। ज्योतिषाचार्य अंकित रावल ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के पश्चात आजादी की सूत्रधार,अमृत की प्रदाता,हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र, सात्विक ऊर्जा का स्रोत, राष्ट्र की संख्या समृद्धि का मूल आधार, सुव्यवस्थित उत्तम विकास व अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड, राष्ट्र धर्म व संस्कृति के अविरल विकास की जननी गौ की हत्या का कलंक ऋषि मुनियों की इस पवित्र तपोभूमि भारत से समाप्त कराकर राष्ट्रमाता का सर्वोच्च सम्मान प्रदान करवाने के लिए राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों से गौ-राष्ट्रभक्त, कर्तव्यनिष्ठा संतो की नियुक्ति करके विक्रम संवत 2080 माघ कृष्ण पक्ष एकादशी तदनुसार 6 फरवरी 2024 को श्री शंकराचार्य शिविर, माघ मेला क्षेत्र प्रयागराज तीर्थ में होने जा रही गौ-संसद में पहुंचने का निर्णय किया गया है।
रावल ने बताया कि हमारे प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्रों में इस गौ प्रतिष्ठा आंदोलन अभियान का वातावरण निर्माण करने, चारों पीठों के पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य व राष्ट्र के प्रतिष्ठित संत महापुरुष और प्रधान पीठों के आचार्याे का आदेश तथा इस कार्य की सफलता का दायित्व हमें प्राप्त हुआ। प्रदेश के सभी प्रतिष्ठित संत महापुरुषों व समस्त सनातनियों को पूज्य शंकराचार्यों के आदेशानुसार एकजुट होकर इस स्वतः स्फूर्त गौ प्रतिष्ठा आंदोलन को सम्पूर्ण देश में गति प्रदान करना है।
ज्योतिषाचार्य अंकित रावल ने कहा कि 4 जनवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गौ भक्तों की एक विशेष गो सभा आयोजित होगी। जिसमें आंदोलन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट देते हुए कमर कसी जायेगी। 15 जनवरी से 23 जनवरी 2024 तक दिल्ली में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के लिए ग्यारह गौ विशेषज्ञ समूहों की बैठक आयोजित की जायेगी। जिसमें गौ धर्म विशेषज्ञ, गौ आर्थिक विशेषज्ञ, गो ऊर्जा विशेषज्ञ, गो कानून विशेषज्ञ, गो राजनीति विशेषज्ञ, गो संगठन विशेषज्ञ, गो मीडिया विशेषज्ञ, गो प्लेसमेंट (रोजगार) विशेषज्ञ, गो व्यवहार विशेषज्ञ, गो पर्यावरण एवं पंचतत्व विशेषज्ञ होगें। यदि इससे काम नहीं हुआ तो 30 जनवरी 2024 को गो विशेषज्ञों से प्राप्त आंकड़ों एवं निष्कर्ष के साथ गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के लोगों का प्रतिनिधिमंडल देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से जाकर मिलेगा और इससे भी अगर काम नहीं हुआ तो फिर 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज तीर्थ में एक वृहद गो संसद का आयोजन होगा। जिसमें देशभर के सभी संसदीय क्षेत्रों से एक-एक गो प्रतिनिधि मनोनीत होकर उस गो संसद में सम्मिलित होगा और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित करेगा। यदि फिर भी काम नहीं हुआ तो आध्यात्मिक उपायों एवं वैदिक शक्तियों को प्रधानता देते हुए इस पवित्र गौ आंदोलन की सफलता के लिए आह्वान द्वारा किया जाएगा। जिसमें स्तःस्फूर्त गो प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वाधान में 10 फरवरी से 19 फरवरी तक दिल्ली के रामलीला मैदान में अश्वमेध महायज्ञ किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी महंत रविन्द्रपुरी महाराज, अध्यक्ष-अखिल भारतीय सनातन परिषद व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को दिया गया है। 14 फरवरी से 20 फरवरी तक मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के ब्रह्म घाट पर गो रूद्र महायज्ञ किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी महामंडलेश्वर साध्वी श्याम दीदी को दिया गया हैं । 15 फरवरी से 21 फरवरी तक महाराष्ट्र प्रदेश के अमरावती में सिद्ध बाल हनुमान गोरक्षण, डरगांव में कामधेनु महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी 1008 महात्यागी माधव दास महाराज को सौंपी गयी है।
इतना संघर्ष करने के बाद भी यदि स्वतः स्फूर्त गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के पक्ष में, गो सांसद संतो के मतानुसार परिणाम नहीं आया, तो फिर 10 मार्च 2024 को सम्पूर्ण देश से दिल्ली में गो भक्त एकत्रित होगें और 6 फरवरी 2024 को आयोजित गो संसद द्वारा पारित प्रस्तावों के अनुसार कार्य करते हुए गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए अंतिम हर एक आवश्यक प्रयास किये जायेगेे। विद्वान संतों द्वारा पहले से ही यह तय हो चुका है और इस की घोषणा की जा चुकी है कि आने वाला नव-संवत्सर, गौ संवत्सर ही होग।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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