आदिवासी भूमि की रक्षा और वक्फ बोर्ड के हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक कदम

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आदिवासी भूमि की रक्षा और वक्फ बोर्ड के हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक कदम


बीकानेर, 6 अप्रैल (हि.स.)। वक्फ बिल पर भाजपा जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक मीणा ने बयान जारी कर कहा कि वक्फ बिल द्वारा लोकसभा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसमें अनुसूचित या जनजातीय क्षेत्रों में किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने पर रोक लगा दी गई है। यह कदम आदिवासी और जनजातीय समुदायों की भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इस फैसले के अधीन धारा 3 डी के तहत यह निर्धारित किया गया है कि किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित या अधिसूचित नहीं किया जा सकेगा यदि वह भूमि प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904 या प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध है। इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों से संबंधित कोई भी भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित या समझी नहीं जाएगी।

उरांव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी और बताया कि यह कदम जनजातीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, यह निर्णय आदिवासी भूमि की रक्षा और वक्फ बोर्ड के हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो जनजातीय समुदाय की सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

भा.ज.पा. जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक मीणा ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा, इस फैसले से देशभर के जनजातीय समुदायों की संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित होगी। यह निर्णय सभी जनजातीय समुदायों के लिए राहत लेकर आया है और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त कर रहे हैं। यह निर्णय जनजातीय समाज के लिए सुरक्षा का एक मजबूत आधार तैयार करता है, जिससे उनकी संपत्तियों और अधिकारों की रक्षा होगी। मोदी के नेतृत्व में यह कदम भारतीय जनजातीय समुदाय के लिए एक नई दिशा और मजबूती का प्रतीक बनकर उभरा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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