एक सरकारी अस्पताल ऐसा जहां प्राइवेट जैसा इलाज
सुनेल/कोटा, 15 मार्च (हि.स.)। झालावाड जिले के सुनेल कस्बे में 99 वर्ष पुराना राजकीय इब्राहिम सामुदायिक चिकित्सालय जिले में मॉडल अस्पताल जैसी पहचान रखता है। 50 बेड वाले इस सरकारी अस्पताल में तहसील की 10 पंचायत समितियों के 80 गांवों से हजारों ग्रामीण रोगी निःशुल्क इलाज करवा रहे हैं। 16 दिसंबर,1925 को कमरूद्दीन इब्राहिम मिठाईवाला ने पिता की स्मृति में अस्पताल भवन का निर्माण करवाया था, जो आज भी निजी अस्पताल जैसा खूबसूरत दिखाई देता है।
अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ.रामेश्वर परिहार यहां 15 से 18 घंटे नियमित सेवायें दे रहे हैं। उनके अलावा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राम भरत मीणा, डॉ. प्रियंका जैन एवं डॉ. देेवेंद्र गुर्जर नियुक्त हैं। डॉ. मीणा यहां 460 से अधिक प्रसव सर्जरी कर चुके हैं। उनका कहना है कि अस्पताल में निशुल्क उपचार के लिये सभी सुविधायें व निशुल्क औषधि केंद्र मौजूद हैंं। ओपीडी में 400 से 500 रोगी प्रतिदिन परामर्श ले रहे हैं। महिला एवं पुरुष वार्ड में कुल 50 सुसज्जित बिस्तर व प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ तैनात हैं। समूचे अस्पताल में स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है। एक ऑपरेशन थियेटर व दो एम्बुलेंस सुविधा के साथ ही यहां ऑक्सीजन प्लांट होने से प्रत्येक भर्ती रोगी को बिस्तर पर लाइन से ऑक्सीजन दी जा सकती है। डायलेसिस सुविधा भी यहां उपलब्ध है। जांच प्रयोगशाला में रोगी को 38 तरह की निःशुल्क जांच सुविधा मिल रही है।
फिजिशियन एवं सर्जन की कमी-
पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं समाजसेवी सुरेंद्र फोफलिया ने बताया कि इस आदर्श अस्पताल में चिकित्सकों के 11 पद स्वीकृत हैं लेकिन उनमें से 7 पद लम्बे समय से रिक्त चल रहे है। इसमें से पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों में से एक भी यहां नियुक्त नहीं हैं। फिजिशियन, आर्थोपेडिक सर्जन, एनेस्थेटिक एवं शिशु रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति कर दी जाये तो ग्रामीण रोगियों को बाहर रैफर करने की बजाय यहां बेहतर उपचार किया जा सकता है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार द्वारा इसे सेटेलाइट अस्पताल घोषित कर यहां आईसीयू, वेंटीलेटर, एवं ट्रोमा सेंटर भी खोला जाये, जिससे दुर्घटनाओं में घायल रोगियों को समय पर उपचार मिल सके। ब्लड बैंक की स्टोरेज यूनिट भी यहां पहले से स्वीकृृत है।
वातानुकूलित महिला वार्ड में भर्ती 70 वर्षीया धन्नीबाई ने कहा कि सरकारी अस्पताल में इतनी सफाई पहले कभी नहीं देखी। मोगरा की विनोद कंवर ने कहा कि यहां नर्सिंग स्टाफ प्राइवेट अस्पताल से भी अच्छा है। भर्ती रोगी ज्योति सामरिया ने कहा कि इस अस्पताल में फिजिशियन और मिल जाये तो हमें झालावाड नहीं जाना पडेगा। रोगी अनिल कुमार ने कहा कि सरकारी अस्पताल में निशुल्क पंजीयन, परामर्श, जांच व औषधि लेने में बहुत कम समय लगता है। यह अस्पताल जिले में नंबर-1 है।
डॉ. परिहार ने बताया कि राजस्थान सरकार के नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा कायाकल्प योजना में इस अस्पताल को दो बार स्वच्छता पुरस्कार मिल चुका है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार की नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस योजना में यह अस्पताल नामांकित हो चुका है। गत 37 वर्षों से सेवायें दे रही केरल की नर्सिंंग कर्मी जयश्री ने कहा कि हम टीम भावना से रोगियों की हर संभव मदद करते हैं। इस अस्पताल से जुडी एक मदर लैब भी बनकर तैयार है। सुनेल पंचायत समिति से जुडे़ हेमडा, सिरपोई, पिडावा, उन्हेल, सिंदूरिया, जोनपुरा, कांदलखेडी, लालगांव, सलोतिया, झिकडिया, मोगरा, डोला आदि 80 गांवों के 10 हजार से अधिक रोगी इस सामुदायिक अस्पताल में मुफ्त इलाज करवा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/संदीप
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