कृष्ण जन्माष्टमी स्पेशल: बांके बिहारी की छटा को निहारने को आतुर शहरवासी ,गोविंददेवजी मंदिर में तैयारियां जोरो-शोरो पर
जयपुर, 16 अगस्त (हि.स.)। छोटी काशी में कृष्ण जन्माष्टमी का दिन जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है। वैसे-वैसे ही बांके बिहारी की छटा को निहारने को शहरवासी आतुर हो रहे हैं। जन्माष्टमी का पर्व आने में तीन ही दिन बचे हैं। गोविन्ददेव जी मंदिर में नंदलाल के जन्मोत्सव की तैयारियां परवान पर है। पूरे मंदिर को पीत रंग की पताकों से सजाया जा रहा है। वहीं मंदिर में जारी भक्ति संगीत कार्यक्रम के चलते चहुंओर कान्हा के जयकारों की गूंज है। भक्त कृष्ण रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। मंदिरों से लेकर घरों में कान्हा को सजाने और संवारने का दौर शुरू हो चुका है। बाल गोपाल कान्हा को सजाने के लिए बाजारों में एक से बढ़कर एक पोशाक और आभूषणों की भरमार है।
जन्माष्टमी से पहले जयपुर शहर के आराध्य देव गोविन्द देव जी के मंदिर में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम ख्यातिनाम कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से प्रभु को रिझा रहे हैं। वहीं मंदिर में आयोजित हो रहे भजन-कीर्तन के साथ उत्सव झांकी सजाई जा रही है।
मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि जलेब चौक से लेकर मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग कर दी गई है। प्रवेश के लिए केवल एक ही गेट रहेगा जो कि जलेब चौक में है। निकासी दो गेटों से होंगी। एक गेट जनता मार्केट में तथा दूसरा चिंताहरण हनुमान मंदिर के पास होगा। मुख्य मंदिर के अलावा सत्संग हॉल, प्रवेश द्वार और अन्य परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। मंदिर प्रबंधन और पुलिस प्रशासन का दर्शनार्थियों की सुरक्षा पर पूरा फोकस रहेगा। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, निजी सुरक्षा एजेंसियों और स्काउट के स्वयंसेवक अलग-अलग शिफ्ट में सेवा देंगे। पुलिस के सैंकड़ों जवान महोत्सव पर नजर जमाए रहेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस का नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। मंदिर परिसर में मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी श्रद्धालुओं से नजर रखी जाएगी। भीड़ का दबाव कम करने क लिए कई जगहों पर बैरियर लगाए गए हैं
बाजारों में कान्हा की पोशाकों की भरमार
परकोटा स्थित किशनपोल बाजार, त्रिपोलिया बाजार, पुरोहित जी कटला, नाहरगढ़ रोड, मानसरोवर, टोंक रोड,सोडाला पर रंग-बिरंगी और अलग-अलग डिजाइन की लड्डू गोपाल की पोशाक, मोरपंख मुकुट, वेलवेट का आसन सहित अन्य सामानों से बाजार सजकर तैयार हो चुका है। घरों में छोटे बच्चों को कान्हा का रूप धारण करवाने के लिए बाजार में दुकानदारों ने वृंदावन से कान्हा ड्रेस मंगवाई है। ड्रेस में कुर्ता, धोती, मुकुट, बाजूबंद, बांसुरी और मोरपंख का पूरा सेट उपलब्ध है। जड़ी और वेलवेट के मिश्रण से निर्मित सेट की कीमत 600 रुपए तक है। हालांकि कीमतों में इस बार बीते साल की तुलना में बढ़त देखी जा रही है। बाजारों में 30 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक की पोशाकें उपलब्ध है। जन्माष्टमी पर कान्हा को संजाने के लिए महिलाएं तरह-तरह की पोशाकें खरीद रही हैं। मोरपंख मुकुट 80 से लेकर 150 रुपए, आसन 50 से लेकर 200 रुपए, बड़ा मोरपंख 30 से 50 रुपए, वेलवेट का आसन 100 से 250 रुपए, स्टील का झूला 100 से लेकर 400 रुपए, मैटेलिक का झूला 150 लेकर 500 रुपए, गद्दा का सेट आसन, रूमाल, दो मसलंद 600 रुपए, बांसुरी 40 से लेकर 300 रुपए, लड्डू गोपाल मच्छरदानी 100 से लेकर 300 रुपए तक उपलब्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/ ईश्वर

