लम्पी स्किन बीमारी से गौवंश के संक्रमण की पुष्टि होते ही रोकथाम के प्रयास शुरू किए - पशुपालन मंत्री

लम्पी स्किन बीमारी से गौवंश के संक्रमण की पुष्टि होते ही रोकथाम के प्रयास शुरू किए - पशुपालन मंत्री


जयपुर, 21 सितंबर (हि.स.)। पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार गौवंश को लम्पी स्किन बीमारी से बचाने के लिए पूरी संवेदनशीलता और सजगता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में अप्रैल माह में इस बीमारी के संक्रमण की पुष्टि हुई और 12 मई को ही गाइड लाइन जारी कर बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। उन्होंने बताया कि टीकाकरण की गति को तेज किया गया है। मंगलवार की रिपोर्ट अनुसार एक ही दिन में 95 हजार गायों में टीकाकरण किया गया है। उन्होंने लम्पी बीमारी को नियन्त्रित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया।

कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा सभी जिलों को लम्पी बीमारी के संबंध में 12 मई तथा 27 जुलाई को एडवाइजरी जारी कर पशुओं के उपचार और बीमारी की रोकथाम के लिए निर्देश जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने लम्पी बीमारी की पहली समीक्षा बैठक में 30 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। साथ ही विधायकों ने भी अपने विधायक कोष से 10-10 लाख रुपये इस बीमारी के नियन्त्रण के लिए दिए थे।

कटारिया ने बताया कि सरकार द्वारा 45 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के आदेश दिए गए थे जिनमें से 16 लाख वैक्सीन प्राप्त हो गई है। कटारिया ने स्पष्ट किया कि लम्पी रोग से ग्रसित गायों का आंकड़ा राज्य सरकार पशुधन सहायक, पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक तथा जिला अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर तय करती है तथा अन्य किसी भी तरह का सर्वे नहीं हुआ है।

पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस बीमारी को लेकर औषधि आपूर्ति के लिए 40 करोड़ रुपये कॉनफैड के माध्यम से दिए जाएंगे जिसमें 6 करोड़ रुपए जिलों को दिए जा चुके हैं तथा शीघ्र ही अतिरिक्त 7 करोड़ रुपये भी कॉनफैड के माध्यम से दिये जाएंगे।

इससे पहले कटारिया ने विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि वर्तमान में प्रदेश के गोवंशीय पशुओं में लम्पी नामक बीमारी फैल रही है। उन्होंने प्रदेश में लम्पी बीमारी से विगत 5 माह के दौरान बीमार, मृत हुए तथा उपचार उपरांत स्वस्थ पशुओं का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने प्रदेश के गोवंशीय पशुओं में वर्तमान में फैली लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिये सरकार द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण सदन के पटल पर रखा।

कटारिया ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लम्पी रोग से ग्रसित गोवंश की मौत होने पर सरकार द्वारा गोपालकों को किसी भी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को 29 अगस्त 2022 को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि प्राकृतिक आपदा अन्तर्गत लम्पी स्किन डिजीज को महामारी घोषित किया जाये ताकि पशुपालकों और गौशालाओं को इस बीमारी से मरने वाले गोवंश का मुआवजा दिलवाकर पशुपालकों को राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि लम्पी रोग को महामारी घोषित किए जाने पर उपलब्धता अनुसार प्रदेश के गोपालकों को उनके गोवंश की मृत्यु होने पर मुआवजा दिया जा सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर

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