बढ़ती जनसंख्या, घटती कृषि जोत, पानी तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की कमी मनुष्य के लिए एक बड़ी चुनौती : राज्यपाल मिश्र
बीकानेर, 29 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा जैविक पशुपालन, शोध और अनुसंधान के साथ प्रसंस्करण व उद्यमिता में कौशल विकास से जुड़े कार्य प्रारम्भ किए जाएं। राज्यपाल मिश्र सोमवार को बीकानेर के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, घटती कृषि जोत, पानी तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की कमी मनुष्य के लिए एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में पशुधन और पशु उत्पाद ही पोषण सुरक्षा की दृष्टि से वरदान साबित हो सकते हैं। इसके लिए खाद्य और दुग्ध उद्योग में छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राजुवास तीन संघटक पशुचिकित्सा विज्ञान महाविद्यालयों, एक डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, आठ सम्बद्ध महाविद्यालयों तथा 101 डिप्लोमा संस्थानों के माध्यम से प्रदेश में पशुचिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रसार शिक्षण के तहत पशुधन संरक्षण, प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीक के बारे में पशुपालकों से जानकारियां साझा करें।
उन्हाेंने कहा कि कृषि एवं पशुपालन की हमारी संस्कृति रही है। खेतीबाड़ी, आय अर्जन के साथ पोषण सुरक्षा का भी माध्यम है। उन्हाेंने आह्वान किया कि नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से पशु-सम्पदा रोग निदान और उपचार के साथ साथ उनकी उत्पादक क्षमता बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। उन्हाेंने पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह की बधाई दी और कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बेटियों ने अधिक बेहतर परिणाम देकर पशुचिकित्सा के क्षेत्र में भी स्वयं को साबित किया है। ये परिणाम प्रतिस्थापित करते हैं कि जिस समाज में बेटियों को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिले हैं, वह तेजी से विकास की राहों पर अग्रसर होता है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के पारम्परिक पशुचिकित्सा, पशु चारा संसाधन, जैविक उत्पादन, जैव विविधता संरक्षण, बायो-मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल एवं पशु आपदा प्रबंधन, पशुविज्ञान अभियांत्रिकी केन्द्र ,विद्यार्थियों की उपाधियां को डिजीलॉकर पर उपलब्ध करवाने तथा ’इनक्यूबेसन सेन्टर’ स्थापना को बेहतर पहल बताया। मिश्र ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के अन्तर्गत 'एक विद्यार्थी-एक पेड़' की संकल्पना में हर विद्यार्थी को भागीदारी का आह्वान किया।
कुलपति प्रो. सतीश गर्ग ने स्वागत उद्बोधन दिया और विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को यहां सीखे अपने ज्ञान और मूल्यों को जीवन में उतारते हुए नई ऊंचाइयां प्राप्त करने की कामना की।
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नज़ीर अहमद गनई ने दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने में जुट जाएं। उन्होंने विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में विद्यार्थियों से अपना योगदान देने का आह्वान किया।
समारोह में बीकानेर (पूर्व) विधानसभा विधायक सिद्धी कुमारी, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरूण कुमार, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, राज्यपाल के विशेषाधिकारी गोविंद जायसवाल, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम आदि मौजूद रहे। कुलसचिव बिन्दु खत्री ने आभार जताया।
राज्यपाल ने समारोह के दौरान 538 छात्र-छात्राओं को स्नातक, 106 को स्नातकोत्तर एवं 21 को विद्यावाचस्पति की उपाधियां प्रदान की। इसी तरह 29 विद्यार्थियों को उनके उत्कृट शैक्षणिक प्रदर्शन के फलस्वरूप विभिन्न पदक प्रदान किये गए। राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने विद्यार्थियों को दी गई उपाधियां डीजी लॉकर पर अपलोड की। इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया। इससे पूर्व राज्यपाल श्री मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया तथा संविधान के मूल कर्तव्यों का पठन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने जोधपुर के नवीन पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के प्रशासनिक एवं अकादमिक भवन, शालिहोत्रा भवन, स्वामी विवेकानंद छात्रावास, बीकानेर प्रांगण में भगिनी निवेदिता छात्रावास व शालिहोत्र अति-विशिष्ठ अतिथि गृह आदि कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजीव / संदीप
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