एक दिन में एक लाख कदम चलेंगे 75 वर्षीय सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह

WhatsApp Channel Join Now
एक दिन में एक लाख कदम चलेंगे 75 वर्षीय सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह


जयपुर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय सेना से सेवानिवृत्त 75 वर्षीय ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह गुलिया एक दिन में एक लाख कदम पैदल चलकर भारतीय सेना के सिख रेजीमेंट के जवानों व अधिकारियों को सैल्यूट करेंगे। इन जवानों के देश के प्रति समर्पण और त्याग को 91 किमी की दूरी तय कर अपने अंदाज में सम्मान देंगे। इस वॉक की शुरुआत वह चित्रकूट स्थित अपने घर से करेंगे। इसकी शुरुआत 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस पर रात एक बजे करेंगे। पैदल चलने के लिए इन्होंने इस दिन को चुना क्योंकि इंडियन आर्मी 27 अक्टूबर 1947 को बडगाम हवाई अड्डे पर उतरी थी, उसमें सिख रेजीमेंट का पहला सिख वहां पर पहुंचा था। उसके बाद 4 कुमाऊं बटालियन वहां पहुंची थी, उसी दिन से इन्फैंट्री दिवस मनाया जाने लगा। देश में इस बार 76वां इन्फैंट्री डे मनाया जाएगा। गौरतलब है कि कुलदीप सिंह बीते 10 सालों में अरावली की पहाड़ियों पर बने जयगढ़, नाहरगढ़ व जैन मंदिर जैसे सभी क्षेत्रों को अकेले कवर कर चुके हैं।

कुलदीप खुद सिख रेजीमेंट का हिस्सा रह चुके हैं, इसलिए इस रेजीमेंट के करीब 1 हजार सैनिकों को सम्मान देते हुए हर एक सैनिक के लिए 100 कदम चलेंगे। 6 से 7 किमी प्रति घंटे की स्पीड से एक लाख कदमों की पदयात्रा करेंगे। रात एक बजे से पैदल चलते हुए लगातार 3 घंटे घर से आसपास पदयात्रा करेंगे। उसके बाद विजय द्वार स्थित सिख बटालियन के गुरुद्वारे में माथा टेकते हुए अक्षरधाम, मिलिट्री एरिया के वॉर मेमोरियल में शहीदों को सलामी देते हुए सप्त शक्ति गेट से बाहर निकलेंगे। इसके बाद छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, जंतर-मंतर व जलेबी चौक होते हुए जयपुर के प्रमुख स्थानों को कवर करेंगे। अपनी इस यात्रा का शेष भाग सेंट्रल पार्क में पूरा करेंगे। इस दौरान सिख रेजीमेंट के 10 से 15 जवानों का दस्ता भी इनके साथ लगातार पैदल का हिस्सा होंगे। जो कुछ किमी के बाद बदलते रहेंगे। इनके साथ भतीजी रश्मि गुलिया एवं अन्य परिजन भी होंगे। रिटायर्ड ब्रिगेडियर मोहन शेखावत भी साथ चलेंगे। गौरतलब है कि हाल ही में 87 किमी की पदयात्रा अकेले इन्होंने पूरी की है। वे 30 से 35 किलोमीटर की वॉक प्रतिदिन करते हैं।

गौरतलब है कि चौथी जनरेशन के फौजी रहे कुलदीप सिंह गुलिया मूल रूप से जयपुर से हैं। अपनी एक लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के अगले ही दिन 28 अक्टूबर को कुलदीप 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं। मिलिट्री स्कूल अजमेर से पढ़ाई पूरी की। चौथी जनरेशन के फौजी रहे। इन्होंने 2005 में रिटायरमेंट से पहले ही पदयात्रा शुरू कर दी थी। कॅरियर की बात करें तो 1968 में भारतीय सेना का हिस्सा बने। 1972 में कमीशन हुए। सर्विस में रहते हुए पीएचडी पूरी की। दो इनसाइक्लोपीडिया तैयार की। इसमें ह्यूमन इकोलॉजी पर 5 वॉल्यूम और हिमालय पर 15 वॉल्यूम की रही। वे कहते हैं कि देश की सुरक्षा के लिए फौजी कभी बूढ़ा नहीं होता। वे कहते हैं कि 75 वर्ष की आयु उन्हें एक दिन में एक लाख या इससे अधिक कदम चलने से नहीं रोक सकती। उनका मिशन भारतीय नागरिकों को हमारी भारतीय सेना और इन्फेंट्री के सैनिकों के अद्वितीय साहस और बलिदान का सम्मान करने और उनके साथ शामिल होने के लिए प्रेरित करना है, जिनकी वीरता देश की संप्रभुता की रक्षा करने और जम्मू-कश्मीर की अखंडता को बनाए रखने में सहायक थी।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story