खोले के हनुमान मंदिर में 63वां अन्नकूट महोत्सव: हनुमान जी को धारण कराई चांदी की पोशाक

खोले के हनुमान मंदिर में 63वां अन्नकूट महोत्सव: हनुमान जी को धारण कराई चांदी की पोशाक
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खोले के हनुमान मंदिर में 63वां अन्नकूट महोत्सव: हनुमान जी को धारण कराई चांदी की पोशाक


जयपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। श्री खोले के हनुमान मंदिर में 63वां अन्नकूट महोत्सव रविवार को धूमधाम से मनाया गया। दोपहर से देर रात तक पंगत प्रसादी का दौर चलता रहा। करीब पौने दो लाख लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। श्रद्धालुओं ने मूंग, चौला, बाजरा, चावल, सब्जी, कड़ी के साथ ही हलवा और भुजिए की प्रसादी ग्रहण की। पंगत प्रसादी वितरण से पूर्व लक्ष्मण डूंगरी के खोले में विराजे राम जी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा, गायत्री, वैष्णो माता, द्वादश ज्योर्तिलिंग सहित सभी देवालयों में 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया।

नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के विधायक गोपाल शर्मा ने खोले के हनुमान जी के दर्शन किए और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

विधायक गोपाल शर्मा ने इस मौके पर गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी को सम्मानित करते हुए की समारोह की शुरुआत।

काले हनुमान जी मंदिर के महंत गोपालदास महाराज, सरस निकुंज के अलबेली शरण महाराज सहित सैकड़ों साधु-संतों का गोपाल शर्मा ने आशीर्वाद भी लिया। आयोजन के दौरान बड़ी संख्या में साधु संत और प्रबुद्धजन मौजूद रहे। जात-पात, छोटे-बड़े और अधिकारी-कर्मचारी,राजनेताओं ने पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण की। अन्नकूट महोत्सव के दौरान खोले के हनुमानजी के फल-सब्जी की झांकी, श्री आनंदेश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियाराम जी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डुओं की झांकी सजाई गई। मंदिर में परम्परागत झांकियों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र के 61 मंदिरों में भी प्रसादी का भोग लगाया गया। खोले के हनुमान जी के मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग, अन्नकूट की प्रसादी एवं चादर चढ़ाई गई। 41 भट्टियों पर अन्नकूट प्रसादी बनाने का कार्य लगातार जारी रहा। प्रसादी स्थल पर सभी जगह गरम और ताजा बनी हुई प्रसादी पहुंचे इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए गए। समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि प्रसादी के लिए अलग-अलग 13 खंडों की व्यवस्था की गई। प्रसादी के लिए अलग-अलग खंड बनाए गए। अन्नकूट समारोह के लिए बनाई समितियों के हजार कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दीं।

भजनों की स्वर लहरियों के साथ प्रसाद वितरण

अन्नकूट समारोह की शुरुआत सुबह हनुमान जी महाराज के अभिषेक और सिंदूरी चोला धारण कराने के साथ हुई। हनुमान जी महाराज का श्रृंगार कर छप्पन भोग अर्पित किए गए। इसके बाद वेद विद्यालय के छात्रों ने मंगलाचरण किया। दोपहर शिव सत्संग मंडल की ओर से हरिनाम संकीर्तन किया। इसके बाद बैंड वादन किया। संत-महंतों ने हनुमान जी महाराज की महाआरती की।

नरवर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि धर्म एवं जाति भेदभाव से रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन पूरे राजस्थान में मिसाल बन गया है। द्वादश ज्योतिर्लिंग की बर्फ से निर्मित झांकी इस दौरान आकर्षण का केंद्र रही।

इस लक्खी अन्नकूट महोत्सव के दौरान हनुमान जी सहित मंदिर परिसर में बने 61 से अधिक मंदिरों में भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए। इसके बाद प्रसादी वितरण का कार्य शुरू हुआ। एक और पंगत में भोजन परोसा जा रहा था, दूसरी ओर भजन संध्या चल रही थीं। श्री गुरुकृपा जागरण मंडल के भजन गायन के बाद पी आर स्वामी और मोहन बालोदिया सहित अन्य भजन गायकों ने राम मंदिर में भजनों की प्रस्तुतियां दीं।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

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