संसद संकल्प दिवस के रूप में याद किया जाए 14 नवम्बर का दिन

संसद संकल्प दिवस के रूप में याद किया जाए 14 नवम्बर का दिन
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संसद संकल्प दिवस के रूप में याद किया जाए 14 नवम्बर का दिन


उदयपुर, 14 नवंबर (हि.स.)। 1962 में चीन ने भारत पर अकारण और धोखेबाजी करते हुए हमला कर के हजारों जवानों को शहीद कर दिया था और हजारों वर्ग मील भूमि कब्जा कर ली थी, जिसको छुड़ाने का संकल्प एकमत से उस वर्ष 14 नवंबर को लिया गया था। लेकिन, इतनी सरकारें आईं गईं, पर यह संकल्प आज तक पूरा नहीं हुआ। जो अब पूरा होना चाहिए। अब वर्तमान सरकार के मुखिया मोदी जी को इसे पूरा करना चाहिए।

यह उद्गार मंगलवार को यहां भारत तिब्बत समन्वय संघ की आयोजित ‘संसद संकल्प स्मरण दिवस’ की गोष्ठी में चित्तौड़ प्रांत अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने व्यक्त किए।

इस अवसर पर उपस्थित गुप्ता ने कहा कि इस प्रतिज्ञा को 60वें स्मरण दिवस के रूप में मनाना साबित करता है कि आज भी हम कितने कमजोर हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख के 40 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की भूमि को उसी समय से चीन ने केवल कब्जा कर लिया बल्कि अब वह अपनी भूमि मान कर उस पर आर्मी के स्थाई अड्डे बना लिए। साथ ही, वहां से खनन कर के बहुमूल्य सामग्री चुराता गया। यह हमारी अमूल्य संपदा की अपूरणीय क्षति है।

गुप्ता ने कहा कि 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिन के नाम पर बच्चों के लिए बाल दिवस मनाए जाने के बजाय उसे संसद संकल्प स्मरण दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रचलन शुरू हो।

गुप्ता ने कहा कि जो राजनीतिक दल देश की चिंता का दम भरते हैं, लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उनसे दो टूक वार्ता की जाए और उनसे कहा जाए कि अगर केंद्र में उनकी सरकार बनती है तो क्या वह चीनी अतिक्रमण से भारत को मुक्त करेंगे? यदि हां, तो वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का हवाला दें।

इस मौके पर उपाध्यक्ष राजेश सोनी ने कहा कि भारत को इजरायल से सीखने की आज भी आवश्यकता है। जैसे वह अपनी भूमि को सुरक्षित कराते हुए आतंकी अड्डों को मुक्त करा रहा है, उसी तरह अक्साई चिन और पीओके को भी खाली कराए। नहीं तो किसी चमत्कार से खुद खाली नहीं होने वाले ये भू भाग। उन्होंने भारत तिब्बत समन्वय संघ के इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बताया कि पिछले 2 वर्षों में संघ के कार्यकर्ताओं ने लगभग 250 सांसदों से मिल कर इस संसद संकल्प के पूरा न होने के संदर्भ में ध्यान दिलाया और आग्रह किया कि संसद के अंदर आज की मजबूत भारत सरकार इस पर व्यक्तव्य दे कि उसकी योजना में यह प्रतिज्ञा किस प्राथमिकता पर है। हालांकि इस का भी कोई परिणाम अभी नहीं निकला है, लेकिन संघ अपने प्रयासों को सफलता मिलने तक रुकेगा नहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/ईश्वर

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