राज विस चुनाव : 105 साल की किन्नर लैला माई डालेगी वोट
झुंझुनू, 29 अक्टूबर (हि.स.)। शतायु पार 105 साल की किन्नर लैला माई चल फिर नही सकती है। ठीक से बोल सुन भी नहीं सकती है। आंखों में धूंधलापन है लेकिन का वोट डालने का जज्बा आज भी किसी युवा से कम नहीं है। लैला माई किसी भी चुनाव में वोट डालना नहीं भुलती है। लैला खुद तो वोट डालती है ही साथ ही अपने शिष्यों को भी प्रेरित करती है। लैला माई ने कहा कि ट्रांसजेंडरों को वोट का अधिकार मिला है तो सरकार में भागीदारी भी मिलनी चाहिए। किन्नरों को भी टिकट के लिए दावेदारी जतानी चाहिए। उन्हें चुनाव मैदान में उतरना चाहिए।
लैला माई चलने फिरने में असमर्थ, लेकिन शिष्य की मदद से हर चुनाव में वोट डालने जाती है। वह बताती है कि हर भारतीय के तरह ही उसका वोट भी बेशकीमती है। लैला को अब दिखाई देना भी बंद होने लगा है। लेकिन इस बार भी वह मतदान की तिथि का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
लैला माई ने चुनाव आयोग के 80 से अधिक उम्र वाले लोगां के घर बैठे वोट डालने के निर्णय की तारीफ करते हुए बताया कि यह बहुत अच्छी पहल है। इससे मतदान का प्रतिशत बढे़गा। लैला माई ने बताया कि पिछले बार उसके शिष्य उसे चारपाई पर बैठाकर मतदान कराने के लिए लेकर गए थे। लेकिन इस बार घर पर ही वोट डालने की सुविधा दी जा रही है। यह बहुत ही अच्छा निर्णय है। उन्होंने बताया कि आज की राजनीति भले ही पहले से बदल गई हो लेकिन मैं हर किसी से यही कहना चाहूंगा कि वोट डालने जरूर जाएं।
झुंझुनूं शहर के लाल पहाड़ी के पास रहने वाली गुरु लैला माई ने बताया कि वह 35 साल से वोट डालती आ रही हैं। छोटे से लेकर बडे़ चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करती हैं। साथ ही अपने शिष्यों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करती हैं। शिष्य बताते है कि लैला माई की उम्र भले इतनी हो गई है। लेकिन वोट देने का उनका उत्साह आज भी पहली बार वोट दे रहे किसी युवा से कम नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/ रमेश सर्राफ/ईश्वर
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