स्वाइन फीवर टीकाकरण अभियान के तीसरे राउण्ड का दूसरा चरण एक जनवरी से एक फरवरी तक
जयपुर, 31 दिसंबर (हि.स.)। पशुपालन विभाग द्वारा राजस्थान में शूकरों में होने वाले संक्रामक एवं घातक रोग क्लासिकल स्वाइन फीवर की रोकथाम एवं नियंत्रण के उद्देश्य से एक जनवरी से राज्यव्यापी टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। यह अभियान निर्धारित कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में चलाया जाएगा।
निदेशक पशुपालन डॉ सुरेशचंद मीना ने सभी जिलों को निर्धारित समयावधि में जिले में अवस्थित शूकर वंशीय पशुओं में सी एस एफ टीकाकरण कार्य सम्पादित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि क्लासिकल स्वाइन फीवर एक संक्रामक वायरल रोग है जिससे शूकरों में मृत्यु दर अधिक होती है और शूकर पालकों को गंभीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि समय पर टीकाकरण ही इस रोग से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने सभी सुअर पालकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करते हुए अपने सुअरों का समय पर टीकाकरण कराएं जिससे बीमारी के प्रसार को रोका जा सके और सुअरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि यह अभियान राज्य में पशु स्वास्थ्य सुदृढीकरण, रोग नियंत्रण और सुअर पालन के क्षेत्र के सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उल्लेखनीय है कि इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में सुअरों का निःशुल्क टीकाकरण किया जाएगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य सुअर पालन करने वाले पशुपालकों के पशुधन की सुरक्षा, रोग प्रसार की रोकथाम तथा आर्थिक क्षति को कम करना है। क्लासिकल स्वाइन फीवर एक अत्यधिक संक्रामक विषाणु जनित रोग है जिससे सुअरों में तेज बुखार, कमजोरी, भूख न लगना, रक्त स्राव के कारण कान, गर्दन और पेट पर छोटे छोटे चाकलेटी या नीले रंग के धब्बे दिखाई देना, दस्त होना और अंत में मृत्यु तक हो सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

