रामपुरिया विद्या निकेतन बना 1993 बैच मित्रों की यादों का साक्षी

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रामपुरिया विद्या निकेतन बना 1993 बैच मित्रों की यादों का साक्षी


बीकानेर, 31 दिसंबर (हि.स.)। हीरालाल सौभागमल रामपुरिया विधानिकेतन स्कूल का परिसर बीते दाे दिनाें को स्मृतियों, भावनाओं और आत्मीयता से भर उठा, जब 1993 बैच के पूर्व विद्यार्थियों ने अपने विद्यालय के गंगाशहर स्थित पुरातन भवन में दो दिवसीय एल्यूमिनी बैच मीट का आयोजन किया।

विद्यालय के छात्र रहे आयोजन के संयोजक मनीष कालरा ने बताया कि वर्षों बाद फिर उसी आंगन में लौटे छात्र-छात्राओं के चेहरों पर उत्साह साफ दिखा, जहां कभी अनुशासन, सीख और संस्कारों की नींव पड़ी थी। इस पुनर्मिलन में देश-विदेश से आए करीब 80 पूर्व विद्यार्थी शामिल हुए, जो बैंकॉक, नीदरलैंड, कतर, अमेरिका सहित मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, नोएडा, सिलीगुड़ी, कोलकाता, पंजाब और राजस्थान के विभिन्न शहरों से यहां पहुंचे।

कार्यक्रम का भावनात्मक केंद्र विद्यालय के वे शिक्षक रहे, जिन्होंने इन विद्यार्थियों के जीवन को दिशा दी। करीब 30 शिक्षक-शिक्षिकाओं का सम्मान किया गया। सभी शिक्षकों का माला और पटका पहनाकर स्वागत किया गया और स्मृति-चिह्न के रूप में केबिन लगेज ट्रॉली भेंट की गई। सम्मान पाने वालों में सुरजाराम राजपुरोहित, ज्ञानमल, लक्ष्मीनारायण, बेबी रानी कालरा, विजय आचार्य, विपिन गोयल, शारदा व्यास, बालकिशन कल्ला और ममता गोस्वामी शामिल रहे। विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच पुराने किस्सों, यादों और अनुभवों की साझा मुस्कान ने माहौल को खास बना दिया।

रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और सधे हुए आयोजन ने इस मिलन को यादगार बनाया। कार्यक्रम के समन्वय में भारती खत्री, अरिहंत नाहटा, मनीष कालरा, शिल्पी खन्ना, जय सिंह बैद, राजश्री, दीपाली, पवन चोपड़ा, रोहित खजांची और ज्योति तातेड की भूमिका रही। रात्रि भोज के दौरान डी जे तोमर की धुनों पर शिक्षक और विद्यार्थी एक साथ थिरकते नजर आए। अंत में शिक्षकों ने आयोजन की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। यह एल्यूमिनी मीट केवल एक पुनर्मिलन नहीं, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा और स्कूल से जुड़े आत्मीय रिश्तों का जीवंत उत्सव बनकर उभरा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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