राजभाषा हिंदी में कार्य करना हमारा संवैधानिक एवं नैतिक दायित्व

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राजभाषा हिंदी में कार्य करना हमारा संवैधानिक एवं नैतिक दायित्व


जयपुर, 24 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर पश्चिम रेलवे, प्रधान कार्यालय, जयपुर के सभाकक्ष संकल्प में अमिताभ, महाप्रबंधक, उत्तर पश्चिम रेलवे की अध्यक्षता में क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 70वीं बैठक का आयोजन किया गया।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे, प्रधान कार्यालय, जयपुर के सभाकक्ष संकल्प में सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही की राजभाषा हिंदी प्रगति की क्षेत्रीय स्तर पर समीक्षा की गई। बैठक के दौरान समिति के सदस्यों द्वारा विभिन्न मदों में राजभाषा नीति के अनुरूप हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।

बैठक की शुरुआत में शिवेन्द्र मोहन, मुख्य राजभाषा अधिकारी ने अपने संबोधन में उत्तर पश्चिम रेलवे पर राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार की स्थिति पर प्रकाश डाला तथा तिमाही के दौरान आयोजित प्रमुख गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधान कार्यालय स्तर पर त्रैमासिक हिंदी ई-पत्रिका मरुधरा का नियमित प्रकाशन किया जा रहा है। उन्होंने राजभाषा पखवाड़ा, हिंदी कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं एवं पुरस्कार वितरण समारोह सहित विभिन्न आयोजनों की जानकारी भी दी।

महाप्रबंधक एवं समिति अध्यक्ष अमिताभ ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि उत्तर पश्चिम रेलवे का अधिकांश क्षेत्र राजभाषा नियमों के अंतर्गत क क्षेत्र में आता है अतः राजभाषा हिंदी में कार्य करना हमारा संवैधानिक एवं नैतिक दायित्व है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे स्वयं अधिकाधिक हिंदी में कार्य करें, जिससे अधीनस्थ कर्मचारी भी हिंदी में कार्य करने हेतु प्रेरित हों। उन्होंने राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु निरंतर एवं समन्वित प्रयास करने पर बल दिया।

इस अवसर पर महाप्रबंधक द्वारा मरुधरा ई-पत्रिका के 32वें अंक का विमोचन किया गया तथा अखिल रेल स्तर पर आयोजित हिंदी निबंध प्रतियोगिता एवं हिंदी टिप्पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चन्द्र प्रकाश चौहान एवं विनय कुमार झा को पुनः सम्मानित किया गया। बैठक के दौरान वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी द्वारा कार्यसूची पर मदवार चर्चा की गई तथा समिति सदस्यों से राजभाषा के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव आमंत्रित किए गए। सभी सदस्यों ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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