मूल्य आधारित हों विकास और नवाचार: देवनानी
जयपुर, 19 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि शिक्षा, विकास, प्रौद्योगिकी और नवाचार मूल्य आधारित, समयानुकूल व युगानुकूल होने चाहिए। शोध और अनुसंधान समाज और मानव जीवन को लाभ देने वाले हो। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में चारित्रिक दृढता, नेतृत्व कौशल और सामाजिक प्रतिबद्धता के साथ लक्ष्य तय करके कार्य करने चाहिए। इसी से समाज निर्माण की दिशा तय हो सकेगी।
देवनानी ने शुक्रवार को यहां श्री भवानी निकेतन महिला पीजी महाविद्यालय में दो दिवसीय बहुविषयक सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। देवनानी ने सम्मेलन में नवाचार, प्रौद्योगिकी, महिला सशक्तिकरण और मानव मूल्यों के सतत भविष्य पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। उद्घाटन समारोह में राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. अल्पना कटेजा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर के कुलगुरु प्रो. अनिल कुमार राय विशिष्ट अतिथि थे। सम्मेलन में मुख्य वक्ता मैट्रोलोजिकल डिपार्टमेन्ट ऑफ इंडिया के पूर्व महानिदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड थे।
देवनानी ने कहा कि नये परिप्रेक्ष्य में आज का विद्यार्थी आज का ही नागरिक है। नई पीढी को विश्लेषण के लिए सोच बढानी होगी। भारत और भारत के नागरिक होने पर गर्व की अनुभूति का एहसास नई पीढी को भी कराना होगा। नैतिक मूल्यों के साथ ही नवाचार करें। सांस्कृतिक सनातन संस्कृति के मूल्यों से नई पीढी को भी परिचित कराएं ताकि युवाओं में संवेदनशीलता, आदर, सहह्रदयता, ईमानदारी, विश्वास, करूणा और सहयोग की भावना का विकास हो सके। भारतीय संस्कृति को जीवन का अंग बनाए और उसे व्यवहार में लाए।
स्पीकर देवनानी ने कहा कि आज का बदलता परिवेश कृत्रिम बुद्धिमता का है। ए. आई. से जब हम किसी सन्दर्भ में जानकारी लेते है तो वहां से गैर भावनात्मक जानकारी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि इन्टरनेट पर अधिक से अधिक भारतीय परिवेश वाला कन्टेन्ट प्रसारित करें ताकि जब कोई ए.आई. से जानकारी प्राप्त करें तो उसमें भारतीय परिवेश के संबंध में सही जानकारी प्राप्त हो सके।
मूल्य आधारित हों विकास और नवाचार
देवनानी ने कहा कि नाम से ही भाव आए यह नवाचार में आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, विकास, तकनीकी में किये जाने वाले नवाचार मूल्य आधारित होने चाहिए। यह सामाजिक परिवर्तन का युग है। भौतिकता के साथ आध्यात्मिकता और नैतिकता का होना जरूरी है। श्री देवनानी ने कहा कि जर्मनी और जापान में वैज्ञानिक अथर्ववेद की सूक्तियों पर अनुसंधान कर रहे है। कृषि, चिकित्सा, शिक्षा में आधुनिक तकनीक अपनाए और नैतिक मूल्यों के साथ विकास और नवाचार करें।
राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि नारी शक्ति को विश्व में भारतीय संस्कृति के प्रसार का वाहक बनना होगा। उन्होंने कहा कि आज नारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। बालिकाएं और महिलाएं विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में की कीर्तिमान स्थापित कर रही है। देवनानी ने श्री भवानी निकेतन महिला पीजी महाविद्यालय की बालिकाओं को कब्बड्डी में स्वर्ण पदक विजेता बनने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
बहुविषयक सम्मेलन के मुख्य वक्ता मैट्रोलोजिकल डिपार्टमेन्ट ऑफ इंडिया के पूर्व महानिदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने कहा कि वे अक्सर सेमिनार में अपना उदबोधन अंग्रेजी भाषा में देते हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर देवनानी की प्रेरणा से उन्होंने हिन्दी में ही उदबोधन देने का निर्णय लिया है। राठौड ने सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतिर्या को समझने के साथ सतत विकास के लक्ष्यों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को सरल बनाये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। प्रारम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य मीना राठौड ने स्वागत उदबोधन दिया। सम्मेलन की समन्वयक ममता तंवर ने सेमिनार की विस्तृत जानकारी दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

