कानोता बांध के भराव क्षेत्र पर अतिक्रमण, प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रही चिंता
जयपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी जयपुर में नदी-नालों और बांधों की जमीन पर अतिक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन संबंधित विभागों की उदासीनता के चलते भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं। इसी कड़ी में कानोता बांध के भराव क्षेत्र में अवैध रूप से मिट्टी डालकर जमीन कब्जाने का मामला उजागर हुआ है, जहां खुलेआम निर्माण की तैयारी की जा रही है।
पुराना मुकुंदपुरा क्षेत्र में कानोता बांध के जलभराव क्षेत्र में दिन-रात जेसीबी मशीनों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और डंपरों के जरिए मिट्टी डाली जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अवैध गतिविधि की सूचना कई बार जल संसाधन विभाग को दी गई, लेकिन अधिकारियों की कथित मिलीभगत के कारण कार्रवाई के बजाय काम की रफ्तार और तेज हो गई। कानोता बांध और इसके आसपास के इलाके में बड़ी संख्या में रिसोर्ट और रेस्टोरेंट विकसित हो रहे हैं। पर्यटन गतिविधियों के कारण इस क्षेत्र में जमीन की मांग काफी बढ़ गई है। इसी का फायदा उठाकर भूमाफिया बांध के जलभराव क्षेत्र को मिट्टी से पाटकर उस जमीन को महंगे दामों पर कारोबारियों को बेच रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अधिकारियों से इस अवैध कब्जे पर कार्रवाई को लेकर सवाल किए गए, तो जवाब मिला कि जांच के बाद काम बंद करा दिया गया है, लेकिन अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विभाग की इसी नरमी का नतीजा है कि बांध का भराव क्षेत्र लगातार सिमटता जा रहा है, जो भविष्य में गंभीर जल संकट का कारण बन सकता है।
जल संसाधन विभाग की सहायक अभियंता अनुराधा चौधरी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद कनिष्ठ अभियंता को मौके पर भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी ऐसी शिकायतें मिली थीं, जिन पर जांच के बाद कार्य रुकवाया गया था। वहीं जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल थाहोर ने कहा कि कानोता बांध के भराव क्षेत्र में मिट्टी डालकर जमीन कब्जाने की सूचना प्राप्त हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एईएन और जेईएन को मौके पर भेजा गया है। जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

