मप्र प्रदेश का विधान सभा सदन सत्ता का नहीं जनता के विश्वास का मंदिर रहा है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

WhatsApp Channel Join Now
मप्र प्रदेश का विधान सभा सदन सत्ता का नहीं जनता के विश्वास का मंदिर रहा है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधानसभा के विशेष सत्र में मप्र को आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्ध बनाने के संकल्प पर चर्चा का रखा प्रस्ताव

- मध्यप्रदेश विधानसभा के 70 वर्ष की यात्रा पूर्ण होने पर हुआ एक दिवसीय विशेष सत्र

भोपाल, 17 दिसम्बर (हि.स.) । मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्ध बनाने के संकल्प पर विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र सभी के लिए सौभाग्य का विषय है। लोक कल्याणकारी राज्य के निर्माण के पथ पर अग्रसर व्यवस्था के लिए यह सत्र विशेष महत्व का है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह विशेष सत्र केवल औपचारिकता नहीं अपितु लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति साझा उत्तरदायित्व के संकल्प का परिचायक है। यह सत्र मध्यप्रदेश को सुखद, समृद्ध, सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली और आत्मनिर्भर बनाने के अपने संकल्प को दोहराने का अवसर है। विधानसभा की 70 साल की यात्रा हमारी लोकतांत्रिक यात्रा का प्रमाण है, यह सदन सत्ता का नहीं जनता के विश्वास का मंदिर रहा है।

मुख्‍यमंत्री ने बुधवार को मप्र विधानसभा के 70 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित एक दिवसीय विशेष सत्र में विधानसभा के सभी सदस्यों का स्वागत अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने हाल ही में दो वर्ष पूर्ण किए हैं। इस अवधि में लिए गए दूरगामी निर्णय आने वाले समय में माइलस्टोन के रूप में जाने जाएंगे। यह निर्णय निश्चित ही जनता के जीवन में बदलाव का माध्यम बनेंगे। जनता के कष्ट कम कर उनके जीवन में खुशियों की बाहर लाना हमारी सरकार का प्रयास रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश वर्षों तक बीमारू राज्य के रूप में पहचाना जाता रहा। हमारी पार्टी की सरकारों ने बीमारू की छवि से निकालकर प्रदेश को विकासशील और संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार ने पिछले 2 वर्षों में विकास के हर क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। हमें पूरा विश्वास है कि जल्द ही हम लोग राज्य को विकसित राज्य की सूची में आगे ले जाएंगे। हम ऐसा प्रदेश बनाएंगे जहां चारों ओर हरियाली होगी, उद्योग- धंधों का जाल होगा,जहां बेरोजगारी और गरीबी नहीं होगी, सभी सुखी और संपन्न होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा यह संकल्प पूर्ण होगा, क्योंकि हमारे नेता, नीति और नियत सभी स्पष्ट हैं। हम पूरे आत्मविश्वास के साथ विकसित आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाकर ही दम लेंगे, इसके लिए हम मेहनत की पराकाष्ठा करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हमने 11 दिसंबर को नक्सलवाद के लाल सलाम को आखिरी सलाम किया है। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा के लिए भी गौरव का विषय है, क्योंकि वर्ष 1999 में कांग्रेस पक्ष के एक मंत्री की नक्सलियों द्वारा निर्मम हत्या कर लोकतंत्र को चुनौती दी गई थी। लाल सलाम को आखरी सलाम कर इस सदन ने वही बदला चुकता किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नक्सलवाद के साथ ही आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़े मॉडलों को ध्वस्त किया गया है। भारतीय मुजाहिदीन, आईएसआईएस समर्थक समूह़ टेरर फंडिंग, चरस नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मनी लॉन्ड्रिंग जांच में 1300 संदिग्ध खातों से 2000 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का खुलासा किया गया। अवैध हथियार फैक्ट्री ध्वस्त कर 1900 से अधिक बैरल/शटर नलियां तथा हथियार बनाने की सामग्री सहित अवैध हथियार बरामद किए गए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित करने की योजना है। हमारे शहरों की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। शहरी विकास के क्षेत्र में दूरगामी दृष्टि से निर्णय लिए जा रहे हैं। राजधानी के स्वरूप पर गहन विचार-विमर्श हो रहा है। मालवा के साथ-साथ मध्य भारत- चंबल क्षेत्र और महाकौशल में भी सुव्यवस्थित विकास हो, इस उद्देश्य से कार्य योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रारंभिक रूप से इंदौर और भोपाल को मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के लिए प्राथमिकता पर लिया गया है। वर्ष 2026 में ग्वालियर और जबलपुर को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य आरंभ होगा। हम सुव्यवस्थित शहरीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्राम विकास के क्षेत्र में भी गत दो वर्ष में गांव की समृद्धि, आत्मनिर्भरता और सुव्यवस्थित विकास के लिए कार्य किए गए। हर ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक विकासखंड में एक गांव को वृंदावन ग्राम बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा जीवन का आधार है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सबसे पहले मध्यप्रदेश ने पहल की। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संदीपनि स्कूल बनाए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही देश में नवोदय विद्यालय व्यवस्था की शुरुआत की। नवोदय विद्यालय ने देश की शिक्षा व्यवस्था में माइलस्टोन का काम किया। मानव संसाधन मंत्री रहते हुए अर्जुन सिंह ने उज्जैन में संदीपनी वैदिक संस्थान की स्थापना कर वेदों के अध्ययन- अध्यापन को प्रोत्साहित किया। यह हमारे अतीत का गौरवशाली पृष्ठ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में गुणवत्ता शिक्षा के लिए प्रदेश में 370 संदीपनि स्कूल बनाए गए हैं। अटेंडेंस की पुरानी पद्धति को बदलकर एप के माध्यम से इ- अटेंडेंस व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश में 799 मॉडल स्कूल, 52 सांदीपनि स्कूलों में रोबोटिक लैब, 3367 स्कूलों में व्यावसायिक कोर्स आरंभ किए गए हैं। इसके साथ ही 30 हजार से अधिक निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले साढे आठ लाख बच्चों की फीस राज्य सरकार द्वारा भरी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अंग्रेजों से उधार लिए शब्दों को अलविदा कहते हुए विश्वविद्यालय में कुलपति की जगह कुलगुरु के सम्मानजनक संबोधन का प्रचलन आरंभ किया। जनजाति एवं स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के नाम पर तीन विश्वविद्यालय बनाए गए। यह इस तथ्य का परिचायक है कि राज्य सरकार अपने अतीत और गौरवशाली विरासत को अगली पीढ़ी को सौंपने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पहला सुख निरोगी काया के विचार को प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में क्रियान्वित करते हुए हर जरूरतमंद को आयुष्मान योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। उज्जैन में प्रदेश की पहली मेडिसिटी और कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में पीएमश्री एंबुलेंस सेवा के माध्यम से जरूरतमंदों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आयुष्मान कार्ड गरीब के लिए इलाज और सहारे का पर्याय बना है। जनजातीय क्षेत्र में सिकल सेल एनीमिया बड़ी चुनौती है। प्रदेश में 12655 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 448 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक संचालित हैं। दो वर्ष में 6 नए शासकीय मेडिकल कॉलेज खुले हैं। शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या 19 और निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़कर 1500 रुपए की गई है। लाड़ली बहना योजना की यह राशि महिला सम्मान और आत्मनिर्भरता का माध्यम बनी है। सैनिटेशन और हाइजीन योजना के अंतर्गत 20 लाख से अधिक बालिकाओं के खाते में 61 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अंतरण किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रदेश को दी गई पीएम मित्र पार्क की सौगात से मालवा निमाड़ अंचल में तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार और 6 लाख से ज्यादा कपास उत्पादकों को लाभ होगा।नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश दूसरे राज्यों से बहुत आगे है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विकास और संस्कृति एक दूसरे के विरोधी नहीं एक दूसरे के पूरक हैं। हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को नहीं भूल सकते। महाकाल लोक, राम वन गमन पथ, लोक परंपराएं यह सब हमारी पहचान है और यही पहचान हमारी शक्ति भी है। अपने ऐतिहासिक नायकों का सम्मान हमें हमारी विरासत से जोड़ता है। इसलिए सम्राट विक्रमादित्य, राजाभोज सहित 9 महापुरूषों के नाम पर राजधानी भोपाल में 9 द्वार स्थापित किए जाएंगे। ओंकारेश्वर में 2195 करोड़ रुपए की लागत से हम आचार्य शंकर संग्रहालय अद्वैत लोक का निर्माण करा रहे हैं। श्री कृष्ण लीलाओं से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों सांदीपनि आश्रम, नारायणा गांव, इंदौर का जानापाव और धार के अमझेरा को जोड़ कर श्री कृष्ण पाथेय के निमार्ण के लिए हमने श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन को स्वीकृति दी। मां क्षिप्रा के शुद्धिकरण के लिए 599 करोड़ की लागत से बनने वाली कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया गया है। क्षिप्रा नदी पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 29 कि.मी. घाट निर्माण कार्य जारी हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। स्थिति यह है कि पहले कभी एक साल में जितने पर्यटक आते थे, उतने तो अब एक सप्ताह में आ रहे हैं। वर्ष 2024 में साढ़े 13 करोड़ रिकार्ड पर्यटक मध्यप्रदेश आए। हम अपने धार्मिक नगरों की पवित्रता के प्रति सजग हैं। इसलिए धार्मिक नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंचाई, पेयजल और उद्योगों के लिए जल की उपलब्धता बढ़े, इसके लिए हमने उत्तरप्रदेश सरकार के साथ केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमि पूजन किया। राजस्थान सरकार के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का कार्य प्रारंभ किया और तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के लिए महाराष्ट्र के साथ एमओयू किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2024 को गौ संरक्षण एवं संवर्धन वर्ष घोषित किया गया। वर्ष 2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष घोषित किया गया। वर्ष 2026 को कृषि वर्ष घोषित किया जा रहा है। हम प्रदेश के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए कार्य योजना बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के भविष्य के लिए समन्वित रूप से कार्य योजना बने इस उद्देश्य से ही विधानसभा का यह विशेष सत्र आयोजित किया गया है। इस सत्र के माध्यम से मध्यप्रदेश ने देश के सामने एक आदर्श भी प्रस्तुत किया है। राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के हित के लिए कई नवाचार किए हैं। इसी के अंतर्गत अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए गॉर्ड ऑफ़ ऑनर देने की प्रदेश में पहल की गई। साइबर तहसील की व्यवस्था ने भी जन सामान्य को राहत प्रदान की है। हमने 5 साल में अपना बजट दोगुना करने का प्रण लिया है। एमएसएमई, उद्योग, लोक परिवहन आदि के क्षेत्र में विशेष पहल की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अप्रैल 2026 से प्रदेश में यात्री परिवहन सेवा की शुरुआत हो रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजाति वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ा वर्ग और गरीब, किसान, महिला, युवा चारों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मिशन को साकार करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विकास और जन कल्याण में सभी से सहयोग की अपेक्षा की।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत

Share this story