छतरपुर: बुंदेली भाषा के प्रचार- प्रसार का दायित्व हम सब पर है: पं धीरेंद्र शास्त्री


छतरपुर, 29 फ़रवरी (हि.स.)। सिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम में बुंदेलखंड महाकुंभ चल रहा है। बुंदेलखंड में महाकुंभ हो और बुंदेली की बात ना हो ऐसा भी नहीं हो सकता। महाकुंभ के इस अवसर पर बीती शाम बुंदेली कलाकारों को मंच से सम्मानित किया गया। बुंदेली भाषा के साधकों ने अपनी प्रस्तुतियों से उपस्थित जन समूह को गुदगुदाया और आह्लादित किया। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुंदेली कलाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि अपनी भाषा की पहचान हर स्तर तक करने की जिम्मेदारी आप सब कलाकारों की है। जिस तरह से अन्य क्षेत्रीय भाषाएं अपना प्रभाव जमाने में कामयाब हुई है, इस प्रकार हमें भी अपनी बुन्देली भाषा को चोटी तक पहुंचाना है। सभी मिलकर यह प्रयास करें कि हम बोलचाल में अपनी भाषा को भी प्रमुखता दें।
बागेश्वर धाम के सांस्कृतिक मंच से बुधवार की शाम बुंदेली गीतों, भजनों, नाटकों की अद्भुत प्रस्तुतियां दी गई। बुंदेली कलाकार एवं साहित्यकार राजीव शुक्ला के नेतृत्व में बुंदेलखंड के जाने-माने कलाकारों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की शुरुआत देश विदेश में धूम मचाने वाले बुंदेली माटी के कलाकार आकाश दुबे एवं अवंतिका दुबे के भजनों से हुई। बुंदेलखंड के कम उम्र के प्रसिद्ध पखावज वादक अनमोल द्विवेदी ने अपने दादा अवधेश द्विवेदी के साथ संगत की। कृष्ण मोहन नायक ने बुंदेली गीत सुनाया। वहीं हिमालय यादव हरिया व साथियों ने जीजा आओ रे नाटक की मनमोहक प्रस्तुति दी। वाद्य यंत्र तमूरा के साथ संतोष वासुदेव ने बुंदेली भजन गाकर सबको रोमांचित कर दिया बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज श्री ने श्री वासुदेव के भजन को दोबारा सुनवाया। इसी क्रम में वंश गोपाल यादव ने आल्हा गायन किया। कक्कू भैया, राजू शुक्ला ने हास्य प्रस्तुतियां दी। बृजेश तिवारी की टीम ने राधा कृष्ण पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की और बेटू सोनी वह ग्रुप की ओर से भी नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर हरि रंगीला, अंजलि, लवली, कन्दू रैकवार, शिवपूजन अवस्थी, कमल चतुर्वेदी, कालीचरण अनुरागी, नन्ना भैया, विनोद भैया, डॉ रविकांत पाठक आदि ने अपनी प्रस्तुतियां। दी जल पुरुष पद्मश्री उमाशंकर पांडे ने लोगों को जल बचाने का संदेश दिया। महाराज श्री ने सभी कलाकारों को पट्टी का डालकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
हिन्दुस्थान समाचार//नेहा