छतरपुर : कोतवाली में सुसाइड की कोशिश, एसडीओपी ने पत्रकार से की बदसलूकी
छतरपुर, 23 अगस्त (हि.स.)। सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत शुक्रवार दोपहर एक व्यक्ति ने थाने में जहर खा लिया। पुलिस तत्काल उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जहां इलाज किया जा रहा है। इस घटानक्रम के दौरान सीएसपी अमन मिश्रा, एसडीओपी बिजावर शशांक जैन, थाना प्रभारी अरविंद कुजूर सहित तमाम पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे। इसी समय पत्रकार रामेश्वर निरंजन बीते दिनों बुलडोजर कार्रवाई के बारे में रिपोर्टिंग करने के लिए थाने पहुंचे थे। घटना के समय पुलिसकर्मी तमाशा देख रहे थे, तभी रिपोर्टर ने मोबाइल निकाला और वीडियो बनाना शुरू कर दिया। यह देख पुलिसकर्मी दौड़े और युवक को पकड़ा और गाड़ी में डालने लगे। यह सारी घटना का वीडियो रिपोर्टर के मोबाइल में कैद हो गया। यह देखकर एसडीओपी बिजावर शशांक जैन भड़के और उन्होंने रिपोर्टर से मोबाइल छीन लिया। उसके बाद वीडियो डिलीट कर दिए। अपनी गलती को छिपाने व खबर प्रकाशित करने को लेकर धमकाया भी। इस संबंध में अस्पताल में पीड़ित से बात की, जिसने बताया कि पुलिस मेरी मदद नहीं कर रही है, इसलिए मैंने सुसाइड करने के लिए थाने में जहर खा लिया था। जहर खाने वाले मुकेश पिता कृपाल प्रजापति 35 वर्ष निवासी किशोर सागर तालाब के पास रहने वाला है। कुछ समय से युवक का उसकी पत्नी के साथ पारिवारिक विवाद चल रहा था। जिसको लेकर शुक्रवार दोपहर 12 बजे पुलिस के बुलाने पर मां और बहन के साथ थाना पहुंचा था।
थाने में उसका और पत्नी का एक दूसरे से विवाद हो गया, यह तमाशा पुलिस पास में खड़े होकर देखती रही। युवक परेशान होकर पास के मेडिकल पर गया और कीड़े मारने वाली दवा लेकर आया और उसने थाने के अंदर ही आत्महत्या करने के लिए दवाई खा ली। यह घटनाक्रम पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के सामने ही हुआ। इसी बीच करीब 1 बजे एक पत्रकार बीते दिन बुलडोजर कार्रवाई की जानकारी को लेकर थाने पहुंचे थे। पीड़ित मुकेश ने बताया कि हमारी पत्नी और मेरे भी झगड़ा चल रहा है, मैंने उसे रक्षाबंधन पर मायके भी भेजा था। तभी साले ने कुल्हाड़ी से हमला किया। जिसकी शिकायत मैंने सिटी कोतवाली में की थी। पुलिस ने आज बुलाया था। जिसके बाद मैं मां और बहन के साथ सिटी कोतवाली में आया था, लेकिन पुलिस के द्वारा मेरा कोई भी सहयोग नहीं किया गया। मैं पुलिस के सामने थाने के अंदर साले के पैर छूता रहा, कहता रहा कि मुझे परेशान मत करो, लेकिन पुलिस ने मेरी कोई मदद नहीं की। पीड़ित मुकेश की मां मुन्नी बाई ने बताया मेरे बेटे को बहू परेशान कर रही है। वह तलाक चाहती है। पुलिस हम लोगों को परेशान कर रही है। आज पुलिस ने मेरी लड़के को थाने बुलाया था। बहू से परेशान होकर मेरे लड़के ने जहर का सेवन कर लिया, लेकिन पुलिस खड़े होकर देखते रही। किसी ने नहीं बचाया। जब मैं पुलिस के सामने गिड़गिड़ानी तो पुलिस उसे लेकर अस्पताल छोड़ गई। पत्रकार ने मोबाइल निकाला और वीडियो बनाना चालू किया। इसके बाद पुलिसकर्मी दौड़े और युवक को पकड़ा और गाड़ी में डालने लगे। इस घटना का वीडियो मोबाइल में कैद हो गया, यह देख एसडीओपी बिजावर शशांक जैन भड़क गए। उन्होंने पत्रकार से मोबाइल छीन लिया, वीडियो डिलीट कर दिए और कहा अब खबर बना लो, धमकी भी दी।उल्लेखनीय है कि एसडीओपी शंशाक जैन छतरपुर में लम्बे समय से पदस्थ है बीच में उनका तबादला पुलिस मुख्यालय से हुआ था, लेकिन उनके द्वारा तबादला निरस्त कराते हुए पुनः छतरपुर में अपनी पोस्टिंग कराली थी।
एसडीओपी शंशाक जैन पहले भी विवादित रहे है। इनके द्वारा एक नाबालिक बालिका की निजता भंग करते हुए उसकी फोटो और समाचार जारी किया था। जिसकी शिकायत एनसीपीसीआर, डीजीपी, आईजी और एसपी से की गई थी। इस मामले में एसडीओपी शंशाक जैन ने पुलिस पीआरओ पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ दिनों बाद उनको तबादला भी हो गया था। एक बार फिर एसडीओपी शंशाक जैन अपने इस कृत्य से चर्चा का केंन्द्र बने हुए है।
हिन्दुस्थान समाचार / सौरव भटनागर / नेहा पांडे
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