खरगोनः कलेक्टर ने विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर कृषि एवं उद्यानिकी की उन्नत तकनीकों का किया अवलोकन

WhatsApp Channel Join Now
खरगोनः कलेक्टर ने विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर कृषि एवं उद्यानिकी की उन्नत तकनीकों का किया अवलोकन


खरगोनः कलेक्टर ने विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर कृषि एवं उद्यानिकी की उन्नत तकनीकों का किया अवलोकन


खरगोन, 11 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में कलेक्टर भव्या मित्तल ने गुरुवार को गोगावां विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर कृषि एवं उद्यानिकी की उन्नत तकनीकों एवं नवाचारों का अवलोकन किया और प्रगतिशील किसानों से चर्चा की। निरीक्षण के दौरान ग्राम मगरिया के कृषक संजय कुशवाह द्वारा की जा रही एक ही खेत में मल्टीलेयर फार्मिंग अंतर्गत पपीता, लौकी, अदरक की फसलों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मल्टीलेयर फार्मिंग का अन्य किसानों को विजिट कराकर इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि कृषक एक खेत में विभिन्न फसलों की खेती कर अधिक आमदनी प्राप्त कर सकें।

इसके पश्चात कलेक्टर भव्या मित्तल ने ग्राम गोवाडी के कृषक मनोज कुशवाह के खेत पर निर्मित पॉली हाउस के अंदर खीरा फसल का निरीक्षण किया। जिले में ज्यादातर कृषक पॉली हाउस में नर्सरी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं, किन्तु मनोज कुशवाह द्वारा नर्सरी के साथ-साथ खीरा एवं शिमला मिर्च की खेती कर अधिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है। साथ ही इस कार्य में कृषक का पूरा परिवार सहयोग कर रहा है, जिसकी कलेक्टर द्वारा सराहना की गई है।

कलेक्टर ने ग्राम बजरंगपुर में गोगावां फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड (एफपीओ) द्वारा महिलाओं के स्व-सहायता समूहों खाटु श्याम, गुरूकृपा, जय गुरूदेव एवं एकता महिला समूह के साथ मिलकर मिर्च एवं प्याज के बीज उत्पादन कार्यक्रम का भी अवलोकन किया। इस दौरान समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्हें इस कार्य में दैनिक रोजगार (मजदूरी) के साथ-साथ एफपीओ को होने वाले लाभ का 50 प्रतिशत समूह की महिलाओं को भी मिलेगा। जिले में यह एफपीओ की अनोखी पहल है। एफपीओ के संचालक मोहनसिंह सिसोदिया एवं समूह की महिलाओं द्वारा कलेक्टर को मिर्च बीज उत्पादन की तकनीकी की विस्तृत जानकारी दी गई।

कलेक्टर द्वारा ग्राम बोरगांव के कृषक धीरेन्द्र राठौड़ के खेत पर उच्च घनत्व रोपण प्रणाली (एचडीपीएस) से लगे केले की फसल के साथ तरबूज की अंतरवर्ती फसल का अवलोकन किया गया। सामान्यतः 01 एकड़ में केले के 1300 पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन राठौड़ द्वारा पहली बार नवाचार के रूप में एचडीपीएस पद्धति से केले के 1700 पौधे लगाए गए हैं, ताकि केले का अधिक उत्पादन लिया जा सके। इस दौरान उन्होंने कृषक श्री मानसिंह चौहान के खेत पर ड्रिप पद्धति से लगाए गए चने के खेत का अवलोकन किया। मानसिंह ने बताया कि पूर्व में बिना ड्रिप के चना फसल का उत्पादन लगभग 4 से 5 क्विंटल प्रति एकड़ होता था, किन्तु ड्रिप पद्धति से पानी की बचत के साथ-साथ चना फसल का उत्पादन लगभग 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ प्राप्त हो रहा है।

कलेक्टर द्वारा ग्राम बोरगांव में गोगावां फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड (एफपीओ) द्वारा संचालित हाईब्रिड बी.टी. कपास के बीज उत्पादन की प्रोसेसिंग यूनिट का अवलोकन किया और कृषकों से चर्चा की गई। इसके पश्चात ग्राम बैजापुर में आत्मा द्वारा राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत स्थापित बायो रिसोर्स सेंटर (बी.आर.सी.) द्वारा बायो डायजेस्टर से बनाए जा रहे जीवामृत, वर्मी कम्पोस्ट इकाई, बुम स्प्रे मशीन एवं कृषि महाविद्यालय खण्डवा के राव के छात्रों द्वारा निर्मित उन्नत कृषि मॉडल का अवलोकन किया गया। साथ ही एफपीओ द्वारा स्थापित बीज उत्पादन इकाई का निरीक्षण एवं बीज उत्पादन तकनीकी पर विस्तृत चर्चा की गई।

निरीक्षण के दौरान उप संचालक कृषि एस.एस. राजपूत, उप संचालक उद्यानिकी के.के. गिरवाल, नाबार्ड के डीडीएम विजेन्द्र पाटील, सहायक संचालक कृषि प्रकाश ठाकुर, निमाड़ फ्रेश एफपीओ के संचालक बालकृष्ण पाटीदार एवं कृषि व उद्यानिकी विभाग के अमला एवं कृषकगण उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

Share this story