हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में 13 अखाड़ों और महामंडलेश्वर के बनेंगे स्थायी आश्रम
उज्जैन, 21 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोमवर सुबह उज्जैन में पत्रकार वार्ता लेकर एक बड़ी घोषणा की है। उन्होने कहा है कि अब हरिद्वार की तरह उज्जैन में भी सभी 13 अखाड़ों और उनके महामण्डलेश्वरों के स्थायी निर्माण होंगे,ताकि वर्षभर उनके अनुयायी उज्जैन आएं तो वहीं ठहर सकें,अन्न क्षेत्र में भोजन कर सकें। वर्षभर सभी आश्रमों में धार्मिक गतिविधियां चल सके।
डॉ.यादव ने सिंहस्थ मेला भवन सभागृह में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहाकि अभी तक देश में केवल हरिद्वार में ही कुंभ मेले के लिए अखाड़ों एवं महामण्डलेश्वरों की स्थायी संरचनाएं हैं। अब उज्जैन में इसे लागू किया जा रहा है। इसके लिए ग्राम एवं नगर निवेश,उज्जैन द्वारा नियमों में बदलाव किया जा रहा है। उज्जैन विकास प्राधीकरण 13 अखाड़ों ओर उनके महामण्डलेश्वरों के सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थायी निर्माण करेगा। इसके लिए उज्जैन के जनप्रतिनिधि अखाड़ों से मिलेंगे। अखाड़ों के माध्यम से ही उनके महामण्डलेश्वरों की जानकारी आएगी।
उदाहरण दिया कि यदि कोई महामण्डलेश्वर या अखाड़ा 5 बीघा जमीन का विकास चाहता है तो एक बीघा में स्थायी निर्माण उविप्रा करेगा और शेष चार बीघा जमीन पार्किंग,अन्न क्षेत्र आदि के लिए छोडऩा पड़ेगी। यदि अखाड़े या महामण्डलेश्वर सिंहस्थ मेला क्षेत्र में किसानों से जमीन क्रय करते हैं तो यह किसानों ओर उनके बीच का मामला होगा। निर्माण के समय उविप्रा एजेंसी रहेगी और नियमानुसार अनुमति जारी की जाएगी। ज्ञात रहे अभी तक सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थायी प्रकृति के निर्माणों पर प्रतिबंध है। डॉ.यादव ने कहाकि सिंहस्थ-2016 में आंधी-तुफान-बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ था और श्रद्धालुओं को भी भारी परेशानी आई थी। इसी के मद्देनजर उक्त निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। ताकि सिंहस्थ-2028 में किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में संभलने का मौका मिल जाए।
उन्होने बताया कि ये निर्माण कार्य, आगामी सिंहस्थ मेला के लिए हो रहे स्थायी कार्यो के समान्तर होंगे ताकि सिंहस्थ-2028 से पूर्व ये कार्य भी अन्य कार्यो की तरह पूर्ण हो जाए। ग्राम एवं नगर निवेश विभाग उज्जैन ने जो योजना बनाई है,उसमें उक्त 13 अखाड़ों एवं उनके महामण्डलेश्वरों के स्थायी आश्रम के सीवेज वॉटर की निकासी,जलप्रदाय की पाइप लाईनें,बिजली की लाइनें,सड़क मार्ग आदि भी स्थायी प्रकृति के निर्मित होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्वेल
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