मानव अधिकारों के प्रति सचेत होकर कार्य करें: स्पेशल मानीटर गोयल
मानव अधिकारों का किसी भी स्थिति में उल्लंघन न हो
रीवा, 29 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के स्पेशल मानीटर बालकृष्ण गोयल की अध्यक्षता में सोमवार को सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन कर मानवाधिकार, बाल संरक्षण, पोस्को एक्ट, जेजे एक्ट, वृद्ध जनों के अधिकार, जेल में निरूद्ध कैदियों के अधिकारों आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर, एसडीएम हुजूर वैशाली जैन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
स्पेशल मानीटर श्री गोयल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के गठन तथा कार्यों के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मानव अधिकारों के उल्लंघन को किसी भी स्तर पर बर्दास्त नहीं करता है। हम सभी को अपने कार्य क्षेत्र में मानव अधिकारों के संरक्षक के रूप में सचेत होकर कार्य करने की आवश्यकता है। बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाओं से संबंधित शिकायतें न हों तथा उनके प्रति अपराध भी न हों इस पर कड़ी नजर रखी जाय।
उन्होने कहा कि लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है। कई बार लोग जानकारी के अभाव में शोषण और उत्पीड़न का शिकार होते हैं। जन जागरूकता से शोषण एवं उत्पीड़न से उनका बचाव किया जा सकता है। उन्होने बताया कि पीड़ित व्यक्ति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग कर सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आयोग शिकायतों को संज्ञान में लेकर तत्परता से कार्यवाही करता है।
गोयल ने सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाकर एक टीम के रूप में सकारात्मक वातावरण में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होने पोस्को एक्ट, जेजे एक्ट, लैंगिक उत्पीड़न, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, मानव व्यापार, भिक्षावृत्ति आदि के विषय में जन चेतना लाने के निर्देश दिए हैं। विद्यालयों में गुडटच, बैडटच के विषय में बच्चों को समझाइस देने की बात कही हैं। उन्होंने वृद्धाश्रम में जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश दिये। उन्होने शासकीय संस्थाओं, विद्यालयों, छात्रावासों, चिकित्सालयों, बाल सुधार गृह, जेल, वृद्धाश्रम आदि के संचालन के लिये मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील होकर करने के लिए निर्देशित किया। स्पेशल मानीटर ने सभी विभागों को नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जिले में अनाथ बच्चियों के संरक्षण के लिये स्थल चयन के लिये प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि मानव अधिकार हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण है। यह हमें गरिमामय जीवन जीने का अधिकार देता है। मानव अधिकारों के संरक्षण के रूप में शासकीय सेवकों तथा संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। पीड़ित के अधिकारों की रक्षा के लिए दोषियों को भी विहित प्रावधानों का पालन करते हुए सजा दी जाती है। उनके मानवाधिकार को भी ध्यान में रखा जाता है। उन्होंने जेल में व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली तथा महिला बंदियों के लिये चिकित्सा सुविधा विस्तार के निर्देश दिये। उन्होंने सुरक्षित स्कूल वाहन परिवहन हेतु व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने आश्वस्त किया कि सभी अधिकारी मानव अधिकारों के प्रति सजग रहकर अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करेंगे।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास प्रतिभा पाण्डेय, सहायक संचालक महिला बाल विकास आशीष द्विवेदी सहित प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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