ग्वालियरः जल गंगा संवर्धन अभियान में वर्षा जल सहेजने के लिये जिले में 337 खेत तालाब बनाने का काम शुरू

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ग्वालियरः जल गंगा संवर्धन अभियान में वर्षा जल सहेजने के लिये जिले में 337 खेत तालाब बनाने का काम शुरू


- 831 पुरानी जल संरचनाओं का होगा अभियान के दौरान जीर्णोद्धार

ग्वालियर, 2 मई (हि.स.)। वर्षा जल को सहेजने के लिये ग्वालियर जिले के ग्रामीण अंचल में “जल गंगा संवर्धन अभियान” के तहत बड़े पैमाने पर खेत तालाब व अमृत सरोवर का निर्माण, डगवैल रीचार्ज एवं पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार का काम हाथ में लिया गया है। जिले में अब तक 430 खेत तालाब चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 337 खेत तालाब बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इसके अलावा 831 पुरानी जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार व 415 डगवैल रीचार्ज का काम भी इस अभियान के दौरान कराया जायेगा। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरचनाओं का चयन जीआईएस तकनीक के आधार पर किया गया है, इससे ग्रामीणों को इन संरचनाओं का अधिकाधिक लाभ मिलेगा।

जिला पंचायत द्वारा शुक्रवार को जानकारी दी गई है कि जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत खासतौर पर मनरेगा (महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) से 400, 1000 व 3600 घन मीटर क्षमता के खेत तालाब मंजूर किए गए हैं। खेत तालाबों के स्थल चयन में सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से यह पता चल जाता है कि किस क्षेत्र में खेत तालाब बनाने पर पानी भरेगा और वह लम्बे समय तक टिकेगा।

बताया गया है कि खेत तालाबों से जल स्तर तो बढ़ेगा ही, साथ ही क्षेत्रीय किसानों को सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा मछली व सिंघाड़ा पालन भी खेत तालाबों में कराया जायेगा। खेत तालाबों की मेढ़ों पर अरहर की बुवाई के लिये भी किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इससे उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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