मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में बनाएंगे अग्रणी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में बनाएंगे अग्रणी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


- विश्व स्वास्थ्य दिवस पर हुआ अनमोल 2.0 का शुभारंभ

भोपाल, 7 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को अग्रणी बनाया जाएगा। इस दिशा में प्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। सरकार के साथ समाज को भी स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रिय करना है। शासकीय, अशासकीय और अर्द्धशासकीय स्तर पर नागरिकों के स्वास्थ्य रक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदेश में अनेक प्रकल्प संचालित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार शाम को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मातृ-शिशु संजीवन मिशन रणनीति दस्तावेज एवं अनमोल 2.0 पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर इस अभिनव कार्यक्रम की रचना के लिए स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह बदलते दौर का भारत है और पूरी दुनिया इसे देख रही है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता सामने आई, जब आपदा के अवसर के मंत्र पर काम करके भारत ने वैक्सीन तैयार की और अपने राष्ट्र के नागरिकों के साथ ही अनेक राष्ट्रों को भी सहायता दी। अथक अनुसंधान से देश की नागरिकों को नि:शुल्क वैक्सीन मिल जाने से जहां उनके स्वास्थ्य को ठीक करने में सहायता मिली, वहीं यह वैक्सीन सभी का मनोबल बढ़ाने में भी उपयोगी थी। वह काफी कठिन दौर था, जब हमारी जनता कष्ट में थी, लेकिन श्रेष्ठ प्रबंधन से राष्ट्र में टीकाकरण का प्रभावी कार्य हुआ और रोग पर नियंत्रण हुआ। पूरा विश्व सशंकित होकर भारत को देख रहा था। उस कठिन दौर में प्रधानमंत्री मोदी ने समाधान की राह निकाल ली थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए व्यवस्थाएं बेहतर बनाई जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अनमोल 2.0 पोर्टल प्रारंभ करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूर्व में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा दो मंत्रालय विभाग होते थे, जिन्हें एकीकृत कर आम जनता के हित को सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या निरंतर बढ़ रही है। साल दर साल नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल अपनाकर अस्पतालों के संचालन में सुधार करने की पहल की गई है। इस दिशा में अनुकूल वातावरण भी तैयार हुआ है।

मेडिकल पर्यटन बढ़ाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में मेडिकल पर्यटन की काफी संभावना है। इन संभावनाओं को साकार करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। प्रदेश में जो रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई हैं, उसमें सेवा क्षेत्र को भी जोड़ा गया है। प्रारंभ में प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े नगरों में निजी क्षेत्र में अस्पतालों को भी प्रमोट करेंगे। इसमें ‘ए’ श्रेणी में बड़े नगर शामिल होंगे। नए अस्पताल प्रारंभ करने पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी। तीन श्रेणियों में अस्पतालों को सब्सिडी प्रदान कर लाभान्वित किया जाएगा। इससे अस्पतालों के संचालन में सहयोग मिलेगा। सब्सिडी के प्रावधान से अस्पताल समर्थ होंगे और नागरिकों के उपचार के कार्य में व्यापक स्तर पर सहयोग मिलेगा।

उन्होंने कहा कि एयर एंबुलेंस का संचालन भी दो स्तर पर हो रहा है। प्रदेश में जहां हवाई पट्टियां हैं, वहां जहाज की व्यवस्था कर गंभीर और दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को बड़े चिकित्सा संस्थानों तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है और जहां हेलीपैड हैं वहां से हेली सेवा प्रारंभ की गई है। हाल ही में भोपाल एम्स के एक चिकित्सक को आपात अवस्था में विमान द्वारा चेन्नई भिजवाने की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि जिले में चिकित्सक के परामर्श और कलेक्टर के माध्यम से यह सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है। आयुष्मान कार्ड धारकों को विमान और हेलीकॉप्टर सेवा नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। एलोपैथी चिकित्सा के साथ ही आयुष, प्राकृतिक चिकित्सा और अन्य चिकित्सा पद्धतियों को भी समग्र दृष्टि से देखते हुए इन सभी पद्धतियों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार हर नागरिक तक उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर केंद्रित यह कार्यक्रम सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। आईएमआर और एमएमआर में सुधार मध्य प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण चुनौती है। पूर्व में भी प्रयास हुए हैं। विगत 20 वर्षों में एमएमआर 400 से 173 हो गयी है। आईएमआर 80 से 43 हो गयी है। एनएमआर 60 से घटकर 31 हुई है। इन सभी प्रयासों से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं, परंतु लक्ष्य अभी दूर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशानुरूप सतत विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये मध्य प्रदेश पुरज़ोर प्रयास कर रहा है। वर्ष 2030 तक एमएमआर को 100 से कम करने और आईएमआर को 20 से कम करने के योजनाबद्ध प्रयास करेंगे।

शुक्ल ने कहा कि इन परिणामों में अपेक्षित सुधार लाने के लिए विषय विशेषज्ञों और रिसर्च प्रोफेशनल्स द्वारा समस्याओं का चिन्हांकन कर उनमे सुधार के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संजीवन मिशन रोड मैप बनाया गया है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के पंजीयन और उनके स्वास्थ्य की सघन निगरानी के लिए अनमोल 2.0 (एएनएम ऑनलाइन 2.0) ऐप और वेब पोर्टल लांच किया गया है। इसमें लगभग 20 हज़ार एएनएम को मैप किया गया है। एयर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आगामी समय में आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को भी मैप करने के प्रयास किये जाएँ। गर्भवती महिलाओं के शत प्रतिशत पंजीयन और नियमित एएनसी जांच से हाई रिस्क प्रेगनेंसी का समय से चिन्हांकन कर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के सही समय में प्रदाय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इससे एमएमआर के साथ आईएमआर में भी सुधार लाने में हम सफल होंगे।

उन्हों कहा कि यह चिंता का विषय है कि प्रदेश में सिर्फ 60 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया जा रहा है। इनमें से 20 प्रतिशत गर्भवती महिलायें समय से अपनी जांच नहीं करवा रही हैं। इसके लिए महिलाओं के साथ-साथ परिजन को भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि गर्भवती महिलायें लापरवाही न कर आवश्यक रूप से समय अनुसार नियमित रूप से एएनसी जांच करवायें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान के तहत हर माह की 9 एवं 25 तारीख को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच की जाती है।

कार्यक्रम को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने भी संबोधित किया। प्रमुख सचिव संदीप यादव ने बताया कि मातृ शिशु स्वास्थ्य संजीवन मिशन रणनीति में प्रदेश के सभी क्षेत्रों की स्थानीय चुनौतियों और परिस्थिति के आधार योजनांतर्गत अंतःक्षेप निर्धारित किये गए हैं। अनमोल 2.0 ऐप से गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, एएनसी चेक-अप, प्रसूति सहायता योजना और अन्य योजनाओं से हितलाभ प्रदाय की बेहतर मॉनिटरिंग की जा सकेगी।

आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल ने वीडियो संदेश में कहा कि मातृ एवं शिशु संजीवन मिशन आईएमआर और एमएमआर में सुधार लाने के लिए सशक्त और समय अनुकूल पहल है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भी वीडियो संदेश में इस पहल की सराहना की। कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर आयुक्त पवन कुमार, प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रतिनिधि, डेवलपमेंट पार्टनर, स्त्री एवं शिशु रोग विशेषज्ञ सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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