राजगढ़ःविहिप ने मनाया 60 वां स्थापना दिवस, संगठन की बताई उपलब्धियां
राजगढ़, 1 सितम्बर (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा प्रखंड ब्यावरा में रविवार को अग्रवाल धर्मशाला में 60 वां स्थापना दिवस में मनाया गया। आयोजित जनजागरण कार्यक्रम में विहिप की 60 वर्षों की उपलब्धियां, वर्तमान में राष्ट्र धर्म व हिन्दू समाज के समक्ष चुनौतियों और उनके निराकरण के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में राज्यमंत्री नारायणसिंह पंवार मौजूद रहे।आयोजित गोष्ठी में रघुनाथ दास जी महाराज ने कहा कि विहिप का उद्देश्य हिन्दू समाज को एकजुट करना है साथ ही राष्ट्र के बारे में चिंतन करना है।
संत नीलेशजी महारज ने उद्बोधन देते हुए कहा कि हमें जातिगत जहर को खत्म करना होगा साथ ही आने वाली पीढ़ी को निडर, शिक्षित बनाना होगा ताकि सनातन धर्म आगे बढ़ सके। कार्यक्रम में विभाग मंत्री कपिल शर्मा ने विहिप की स्थापना व उपलब्धियों के बारे में बताया कि विहिप विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू संगठन है, जिसकी स्थापना 29 अगस्त 1964 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मुम्बई के सांदीपनी आश्रम में हुई। इसका उद्देश्य हिन्दू समाज को संगठित करना, हिन्दू धर्म की रक्षा करना और हिन्दू समाज के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर काम करना है। उन्होंने उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संत संपर्क के माध्यम से धर्मान्तरण को रोकने व उन्हें पुनःवापस हिन्दू धर्म में लाने का संकल्प लिया गया, गौरक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे है, संगठन ने गौहत्या के विरोध में कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए अभियान चलाया है, जिसके परिणामस्वरुप गौवंश पर कड़े कानून बने है और गायों की रक्षा के लिए गौशालाओं की स्थापना की गई है। विहिप ने धर्मान्तरण को रोकने व धर्मांतरितों को स्वधर्म में वापस लाने के लिए कार्य किए है, जिसमें लगभग 40 लाख से अधिक भाई-बहनों को धर्मपरिवर्तन से बचााया गया है साथ ही 9 लाख से ज्यादा हिन्दू भाई-बहनों को स्वधर्म में वापस लाया गया है।
विहिप के सेवा विभाग द्वारा 4500 सेवा प्रकल्प चलाए गए है, जिनमें संस्कार शालाएं, अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में छात्रावास सेवाएं व चिकित्सा सेवाएं दी जा रही है। विहिप ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की मुक्ति के लिए व्यापक आंदोलन चलाया, 22 जनवरी 2024 को रामलला विग्रह का प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव भव्य रुप से संपन्न हुआ, उसी दिन दुनिया के लाखों मंदिर में भव्य कार्यक्रम संपन्न हुए। विहिप के द्वारा धार्मिक यात्राओं का आयोजन भी किया जाता रहा है। हिन्दू समाज के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे जिक्र करते हुए बताया कि हमें धार्मिक पहचान और संस्कृति की रक्षा, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, धार्मिक शिक्षा और जागरुकता, जनसंख्या असंतुलन और बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू समाज पर अत्याचार के बारे में सोचना होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मनोज पाठक
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