अपडेट सिवनीः पेंच टाइगर रिजर्व से राजस्थान भेजी जाने वाली बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर लगाया गया रेडियो कॉलर
अंतरराज्यीय स्थानांतरण में मिली बड़ी सफलता
सिवनी, 05 दिसंबर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के विश्वविख्यात पेंच टाइगर रिजर्व से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (राजस्थान) के बीच चल रहे अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण अभियान में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई। अभियान के तहत राजस्थान भेजी जाने वाली बाघिन को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर रेडियो कॉलर पहनाया गया है।
पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने हिस को बताया कि पेंच से पूर्व में भी कई बार बाघ, बाघिन और चीतल को मध्यप्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्व जैसे पन्ना, नौरादेही, कान्हा और सतपुड़ा में भेजा जा चुका है। लेकिन पहली बार पेंच से किसी अन्य राज्य राजस्थान में बाघिन भेजी जा रही है, जो पेंच के लिए गर्व का विषय है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार 05 दिसंबर 2025 की सुबह, एआई-सक्षम कैमरा ट्रैप सिस्टम से मिले मूवमेंट इनपुट के आधार पर क्षेत्रीय टीमों ने बाघिन की संभावित लोकेशन पर खोज शुरू की। हाथी दस्ता की सहायता से बाघिन का पता लगाया गया और उसकी पहचान की पुष्टि की गई।
पहचान होने के बाद, डॉ. अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में तथा डॉ. अमित कुमार ओड की उपस्थिति में विशेष पशु चिकित्सा टीम ने निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा उसे अत्याधुनिक रेडियो कॉलर पहनाया गया। कॉलर लगाने की प्रक्रिया पूरी होने पर बाघिन को सुरक्षित रूप से पुनः जागृत कर जंगल में छोड़ दिया गया। अब जब बाघिन को रेडियो कॉलर लगा दिया गया है, तो आगामी दिनों में उसकी गतिविधियों, व्यवहार और समग्र स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इन अवलोकनों के आधार पर ही राजस्थान स्थानांतरण की अगली कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया

