वर्ष-2026 में दो आशिंक और दो पूर्ण सूर्य ग्रहण
उज्जैन, 30 दिसंबर (हि.स.)। अंग्रेजी नव वर्ष-2026 में एक-एक आंशिक और एक-एक पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इनमें से तीन भारत में दिखाई नहीं देंगे। केवल एक पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण के रूप में दिखेगा। मध्यप्रदेश के उज्जैन में यह चंद्रोदय के समय केवल 16 मिनिट 6 सेकण्ड के लिए आंशिक चंद्र ग्रहण के रूप में दिखेगा। इसलिए इसका सूतक रहेगा।
जीवाजी वेधशाला के प्रभारी डॉ.आरपी गुप्त के अनुसार भारत में इस बार दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण दिखाई देंगे। अंग्रेजी नव वर्ष के पहले आठ माह में ये चारों हो जाएंगे। सितंबर से दिसंबर तक कोई ग्रहण नहीं रहेगा। उन्होने बताया कि ग्रहणों की स्थिति इसप्रकार रहेगी-
1.पूर्ण चंद्र ग्रहण 3 मार्च को होगा,जोकि भारत सहित पूर्र्वी एशिया,आस्ट्रेलिया,प्रशांत महासागर एवं अमेरिक में दृश्य होगा। भारत में इसके प्रारंभ होने का समय अपरांह 3 बजकर 19 मिनिट 17 सेकण्ड होगा। मध्य का समय सायं 5 बजकर 3 मिनिट 7 सेकण्ड होगा। मोक्ष का समय सायं 6 बजकर 47 मिनिट 6 सेकण्ड होगा।
डॉ.आरपी गुप्त के अनुसार इस समय भारत में सामान्यतया आसमान पर सूर्य रहता है। सैद्धांतिक रूप से यह चंद्रग्रहण दृश्य कहलाएगा। इस दिन उज्जैन में सूर्यास्त सायं 6 बजकर 31 मिनिट पर होगा। ग्रहण समाप्ति का समय सायं 6 बजकर 47 मिनिट 6 सेकण्ड पर होगा, ऐसे में सूर्यास्त के बाद पूर्व दिशा में चंद्रमा 16 मिनिट 6 सेकण्ड तक आंशिक चंद्रग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा। यह ध्यान देने योग्य है कि जब चंद्रमा क्षितिज से दृश्य स्थिति तक ऊपर आएगा,तब तक चंद्र ग्रहण का मोक्ष हो चुका होगा।
2.आंशिक सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को होगा,जोकि भारत में दिखाई नहीं देगा। यह केवल अर्जेंटिना, चिली,दक्षिण अफ्रीका अंटार्टिका में 4 घण्टे 31 मिनिट तक दिखाई देगा।
3. पूर्ण सूर्य ग्रहण 12-13 अगस्त को होगा,जोकि भारत में दृश्य नहीं होगा। यह पश्चिमी यूरोप,पश्चिमी अफ्रीका,उत्तरी अमेरिका,ग्रीन लैण्ड,उत्तरी अटलांटिक महासागर एवं उत्तरी प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
4. आंशिक चंद्र ग्रहण 28 अगस्त को होगा,जोकि भारत में दृश्य नहीं होगा। यह अंटार्टिका,अफ्रीका,यूरोप,एशिया,हिंद-अटलांटिक-प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्वेल

