मप्रः सतत विकास लक्ष्यों पर दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशाप 23 जनवरी से
भोपाल, 22 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 23-24 जनवरी को दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशाप ऑन मानीटरिंग फ्रेमवर्क ऑफ स्स्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स कंपाइलेशन ऑफ इनवायरमेंट एकाउंट्स एण्ड जेण्डर स्टैटिस्टिक्स का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (एमओएसपीआई) और मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग के संयुक्त तत्वावधान में होगा।
जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि वर्कशाप 23 जनवरी से कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेशन हॉल में सुबह 10 बजे शुरू होगी। उद्घाटन-सत्र में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव योजना संजय कुमार शुक्ल, संयुक्त राष्ट्र के भारत में रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोंबी शार्प, महानिदेशक (सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स) MoSPI एनके संतोषी, सचिव MoSPI डॉ. सौरभ गर्ग और सहायक महानिदेशक (SSD) MoSPI एस.सी. मलिक शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण पहल है जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs), पर्यावरणीय आँकड़ों, और जेंडर स्टैटिस्टिक्स के सुदृढ़ीकरण में मददगार साबित होगी। कार्यशाला का उद्देश्य राज्यों और जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की निगरानी, पर्यावरणीय आँकड़ों और जेंडर स्टैटिस्टिक्स के सटीक और प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षित करना है। यह न केवल डेटा मॉनिटरिंग और विश्लेषण को मजबूत करेगा, बल्कि नीति निर्माण और क्रियान्वयन में भी सुधार करेगा।
यह कार्यशाला एक मंच प्रदान करेगी, जहाँ अधिकारी और विशेषज्ञ अपने अनुभव और रणनीतियों को साझा करेंगे। सतत विकास लक्ष्यों, पर्यावरण और जेंडर स्टेटिस्टिक्स से संबंधित डेटा के उपयोग से नीतियों को और सशक्त बनाया जाएगा। राज्यों और जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को आधुनिक मॉनिटरिंग टूल्स और फ्रेमवर्क्स के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सफल प्रयासों और बेस्ट प्रैक्टिसेस को साझा किया जाएगा, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बनेंगी। सतत विकास लक्ष्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक साझा फ्रेमवर्क का विकास होगा। पर्यावरणीय आँकड़ों और जेंडर विश्लेषण को सशक्त बनाने के लिए रणनीतियों का निर्माण किया जायेगा। राज्यों और केंद्र सरकार के बीच डेटा आधारित समन्वय को बढ़ावा मिलेगा। नीति निर्माण और क्रियान्वयन में सुधार के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाया जायेगा।
यह कार्यशाला न केवल SDGs और पर्यावरणीय आँकड़ों पर केंद्रित है, बल्कि यह समाज की सभी परतों तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए एक मजबूत आधार भी प्रदान करेगी। यह आयोजन मध्यप्रदेश को सतत विकास और समावेशी नीति निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक और कदम है। इस कार्यशाला में देशभर से 200 से अधिक अधिकारी और विशेषज्ञ भाग लेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर