मप्रः गणपति घाट पर फिर हुए दो हादसे, एक की मौत
धार 26 दिसंबर (हि.स.)। आगरा मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग तीन के राऊ-खलघाट फोरलेन पर स्थित गणपति घाट पर हादसों का दौर जारी है। मंगलवार शाम को यहां दो अलग-अलग हादसे हो गए, जिनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, इंदौर की तरफ से आ रहा ट्राला क्रमांक आरजे-09 जीजी 5891 के ब्रेक फेल होने से ट्राला अनियंत्रित होकर डिवाइडर कूदकर घाट चढ़ने वाली लेन में जा पहुंचा। इसने ट्राला आरजे-14 जीके 5001 व मैजिक क्रमांक एमपी 11 एलए 2353 को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में ट्राले के चालक की मौत हो गई। वहीं दूसरे ट्राले का चालक घायल हुआ है।
इसके कुछ देर बाद घाट उतर रहा मिनी ट्रक यूपी 15 डीटी 7424 के ब्रेक फेल होने से अनियंत्रित होकर आगे चल रही कार आरजे 22 यूए 2377 व दूसरी कार एचएच 20 डीवी 31 को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। गनीमत रही कि हादसे में किसी को चोट नहीं लगी। हादसे के बाद मंगलवार को एसपी मनोज सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने घाट में पुलिस बल तैनात करने से लेकर राहत के कई कदम उठाने को लेकर राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से चर्चा की।
सोमवार रात ट्राले की टक्कर से छह वाहनों में आग लगने तीन लोग जिंदा जल गए थे
बता दें कि इससे पहले धामनोद थाना क्षेत्र के अंतर्गत राऊ-खलघाट फोरलेन के गणपति घाट पर सोमवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे घाट उतर रहा बड़ा ट्राला के ब्रेक फेल होने से डिवाइडर कूदकर घाट चढ़ने वाली लेन में जा पहुंचा। इसमें ट्राले ने चार वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था। इससे देखते ही देखते बाइक सवार सहित पांच वाहनों में भीषण आग लग गई थी। इस दर्दनाक हादसे व भीषण आग में तीन लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी।
हादसे में 67 वर्षीय राकेश पुत्र मानकचंद्र साहनी, 34 वर्षीय जितेंद्र पुत्र बसंतीलाल जाट निवासी मानपुर व एजाज पुत्र गुलाब मोहम्मद की जिंदा जलने से मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए थे। घायलों में 34 वर्षीय अनिका पुत्र विष्णु निवासी सागौर, 34 वर्षीय नरेश पुत्र रमेशचंद्र निवासी इंदौर, 26 वर्षीय सेहजात पुत्र तनवीर, महेश पुत्र जगन शामिल है। इनोवा कार में 10 लोग सवार थे, जो महेश्वर से सागौर कुटी जा रहे थे। इसमें एक बच्ची को आंख के पास चोट आई थी। इसका उपचार किया गया। ये लोग बाल- बाल बचे।
गणपति घाट प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लैक स्पाट
आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के गणपति घाट प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लैक स्पाट है। दस सालों में अब तक 200 से ज्यादा लोग हादसे में अपनी जान इस घाट पर गंवा चुके हैं। एनएचएआई ने हादसे रोकने के लिए नए बायपास का निर्माण शुरू किया है, लेकिन यहां हादसे थम नहीं रहे हैं। निर्माण के समय से ही इस घाट पर खामी है, जिसे अफसरों ने दूर नहीं किया। घाट के तेज ढलान के कारण वाहनों का ब्रेक फेल हो जाता है और वे दूसरों से टकरा जाते है। घर्षण के कारण वाहनों में आग लग जाती है।
जीरो से 70 तक हो जाती है स्पीड
पंद्रह साल पहले इंदौर से खलघाट तक फोरलेन का निर्माण किया गया था। गणपति घाट के पहाड़ों को काट कर बीच से चार किलोमीटर के हिस्से में रास्ता तैयार किया गया, लेकिन तब ढलान पर ध्यान नहीं दिया गया। खड़े ढलान की वजह से हादसे होन लगे और हादसों में मौत का आंकड़ा 200 से ज्यादा हो गया। वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा 35 लोगों की जान इस घाट पर गई। ढलान का आलम यह है कि यदि जीरो स्पीड में वाहन चले और ब्रेक न लगाए जाए तो ढाई किलोमीटर के बाद वाहन की स्पीड 70 तक पहुंच जाती है।
आमतौर पर घाट पर उन वाहनों के ब्रेक फेल होते है। जिसमें फर्शियां, पत्थर या इस तरह का सामान रखा रहता है जिसका लोड ढलान की वजह से वाहन के केबिन की तरफ आने लगता है। इस दौरान वाहनों के ब्रेक फेल हो जाते है और फिर वे दूसरे वाहनों को चपेट में ले लेते है। लगातार हादसे होने के कारण सात साल पहले एनएचएआई अफसरों ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें नए बायपास के निर्माण की जरुरत बताई गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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