एमपी बोर्ड के फर्जी पेपर बेचने वाले तीन आरोपितों को दो-दो साल की सजा, जुर्माना भी लगा
- आरोपित टेलीग्राम पर छात्रों से करते थे ठगी
भोपाल, 4 मई (हि.स.) । एमपी बोर्ड परीक्षा 10वीं और 12वीं के पेपर बेचने के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपितों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण सिंह की कोर्ट ने शनिवार को 2-2 साल की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपितों पर 2-2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इनमें खंडवा का कमलेश गुर्जर (19), रायसेन का कौशिक दुबे (22) रायसेन और रीवा का बृजेश शामिल है। ये तीनों माध्यमिक शिक्षा मंडल का लोगों लगाकर टेलीग्राम ग्रुप पर पेपर बेचते थे।
दरअसल, आरोपितों ने एमपी बोर्ड परीक्षा के नाम पर ठगी करने के लिए फर्जी आईडी से टेलीग्राम ग्रुप बनाया गया था। छात्रों से ठगी की रकम को भी आरोपी ऑन लाइन वसूला करते थे। तीनों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ धारा 420, 419, भादवि एवं 66सी आई टी एक्ट तहत केस ट्रायल में था। बता दें कि इस मामले में फरियादी बलवंत वर्मा परीक्षा नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ने अपराध शाखा भोपाल में आवेदन दिया था। जिसमें बताया था कि 22 फरवरी 2022 से 4 मार्च 2023 के बीच अज्ञात आरोपियों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के लोगो का उपयोग कर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया था। इसमें बोर्ड क्लासेस का पेपर उपलब्ध कराने का झांसा दिया गया था। कई छात्रों ने इन पेपर की खरीदी के बदले रकम भी चुकाई थी। इस प्रकार आरोपियों ने सैकड़ों छात्रों को ठगकर लाखों रुपए कमाए थे।
वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर सजा
न्यायालय में अभियोजन के साक्ष्य, वैज्ञानिक साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए तीनों आरोपितों को 420, 419, भादवि में 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 2000-2000 रुपए अर्थदंड और धारा 66 सी आई एक्ट में तीनों आरोपियों को 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 10000- 10000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / उमेद
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