उमरियाः बांधवगढ़ के पहाड़ पर पहुंचे हजारों कबीरपंथी, कबीर चौरा के किए दर्शन

WhatsApp Channel Join Now
उमरियाः बांधवगढ़ के पहाड़ पर पहुंचे हजारों कबीरपंथी, कबीर चौरा के किए दर्शन


उमरिया, 4 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के ताला कोर ज़ोन स्थित कबीर चौरा में हर वर्ष संत कबीरदास के अनुयायी कई प्रदेशों से अपने संत के चबूतरे पर नमन करने आते हैं। इस वर्ष भी हर वर्षों की भांति दूर-दूर से लगभग 10 हजार लोग आए। उन्होंने बुधवार की रात कबीर आश्रम में रुक कर पूजा अर्चना की और गुरुवार सुबह होते ही बांधवगढ़ के किले की ओर प्रस्थान किया।

गौरतलब है कि संत कबीर दास का जन्म सन 1398 में वाराणसी में हुआ था और उनकी मृत्यु सन 1494 में मगहर में हुई थी, इस बीच वह साधना के लिए बांधवगढ़ में घने वन के बीच कोर जोन में पहाड़ के ऊपर आये और यहीं उन्हों अपनी साधना की। जिस गुफा में उन्होंने साधना की थी, उसी के बाहर उनके भक्तों ने एक चबूतरा बनवा दिया, जिसको कबीर चबूतरा कहा जाता है। हर वर्ष देश के कोने - कोने से कबीरदास के अनुयायी यहां आते हैं और कबीर गुफा एवं कबीर चबूतरे का दर्शन करते हैं। यहां विशाल भंडारे का आयोजन भी होता है। यह कार्यक्रम 2 से 3 दिन चलता है, लेकिन ऊपर किले पर जाने की अनुमति एक दिन ही रहती है।

गुरुवार सुबह 6 बजे से साढ़े सात बजे तक किये गए आनलाइन पंजीयन का सत्यापन हुआ और साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे तक भीतर जाने की अनुमति दी गई थी, जिसमे लगभग 5 हजार श्रद्धालुओं ने पार्क के भीतर भारी सुरक्षा के बीच प्रवेश किया। ये श्रद्धालु दिन में साढ़े तीन बजे तक वापस बाहर आ जाएंगे।

छत्तीसगढ़ के दामाखेड़ा से कबीर गद्दी के उत्तराधिकारी प्रकाश मुनि नाम साहेब ने यहां आकर अपनी गुरुवाणी से सभी को संबोधित किया। वे चौका आरती में भी शामिल हुए।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि वन विभाग के लगभग 200 कर्मचारी, अधिकारी रास्ते - रास्ते लगे हैं। पुलिस विभाग के 150 कर्मचारी, अधिकारी लगे हैं राजस्व के अधिकारी एवं चिकित्सा विभाग के भी लगभग 50 लोग सेवा दे रहे हैं, इन सबके साथ 6 हाथी लगातार गश्ती कर रहे हैं, रास्ते मे पीने के पानी एवं टॉयलेट की व्यवस्था भी की गई है।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्‍द्र त्रिपाठी

Share this story