अनूपपुर: हाथियों ने धनगवां के जंगल में जमाया डेरा, फसलों को बना रहे आहार

WhatsApp Channel Join Now
अनूपपुर: हाथियों ने धनगवां के जंगल में जमाया डेरा, फसलों को बना रहे आहार


अनूपपुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में तीन हाथियों का समूह निरंतर आठ दिनों से जिले के जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम धनगवां बीट के जंगल में डेरा जमाए हुए हैं, जो जंगल से लगे टोला,मोहल्ला में ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में लगी फसलों को नुकसान कर रहा है, हाथियों के डर के कारण ग्रामीण जन रात रात भर जागकर रात बिताने को बाध्य है। सोमवार-मंगलवार की रात गोंढाटोला में एक घर की बाहरी दीवार तोड़ खेत में लगी फसल को खाया।

अनूपपुर जिले के जैतहरी वन परिक्षेत्र के धनगवां बीट के ग्राम पंचायत कुकुरगोंड़ा, पड़रिया एवं क्योटार के कई टोला, मोहल्ला सीमा पर बसा हुआ है के जंगल में विगत 8 दिनों से तीन हाथियों का समूह निरंतर विचरण कर रहा है। दिन में जंगल में प्रत्येक दिन अलग-अलग स्थान में डेरा जामाते हुए रात में ग्रामीण एवं वन विभाग की गस्ती दल को चकमा देते हुए कुकुरगोंड़ा के बेल्हाटोला तो कभी पड़रिया के चोई गांव से लगे भलुवान घर टोला, गोढाटोला तो कभी क्यौटार पंचायत के कुसुमहाई गांव से लगे पालाडोंल एवं झंडीटोला में अचानक पहुंचकर आहार की तलाश में ग्रामीणों की संपत्ति का नुकसान करते हुए सुबह होते ही वापस जंगल में विश्राम करने चले जाते हैं विगत रविवार की रात कुकुरगोड़ा पंचायत के बेल्हाटोला निवासी रामेश्वर सिंह कि घर देर रात अचानक हाथी पहुंचकर घर में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे सामान को आहार बनाया वहीं सोमवार की देर रात अचानक तीनों हाथी जंगल से निकल कर ग्राम पंचायत पड़रिया के चोई गांव में विश्वनाथ भरिया एवं तुला राठौर की बाउंड्री बाल को तोड़ते हुए खेत में लगी गेहूं की फसल को खाया। मंगलवार की सुबह फिर से धनगवां बीट के जंगल महुआगोंड़ा के पास डेरा जाया हुआ हैं।

ग्रमीणों ने बताया कि रात गोंढाटोला के घर में अचानक वाहरी दीवार टूटने की आहट मिलने पर बाहर निकल कर देखा तो तीनों हाथी दीवार तोड कर गेहूं की फसल को अहार बना रहें थें, हो-हल्ला होने पर पूरा मोहल्ला जाग कर हाथियों को खेत से बाहर की जाने की कोशिश की, इसकी सूचना पर गस्ती दल मौके पर पहुंचकर अनेकों बार पटाखा फोड़ कर भगाए जाने का प्रयास किया किंतु तीनों हाथियों पर पटाखा एवं ग्रामीणों के हो-हल्ला का कोई प्रभाव नहीं पड़ा, तीनों हाथी पूरी मस्ती से फसल को अपना आहार बनाते रहे हैं, कुछ घंटे बाद तीनों हाथी बांस प्लांटेशन में घुसकर आराम करते हुए सुबह होते ही फिर से जंगल की ओर चले गए हाथियों के कारण हाथी प्रभावित क्षेत्र के कई ग्राम के ग्रामीण रात रतजगा को बाध्य है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

Share this story