अनूपपुर: मृत्युभोज की परंपरा किन्नर समाज की मान्यता है : किन्नर शबनम मौसी

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अनूपपुर: मृत्युभोज की परंपरा किन्नर समाज की मान्यता है : किन्नर शबनम मौसी


अनूपपुर: मृत्युभोज की परंपरा किन्नर समाज की मान्यता है : किन्नर शबनम मौसी


अनूपपुर, 13 जुलाई (हि.स.)। विश्व की प्रथम किन्नर जनप्रतिनिधि एवं पूर्व विधायक शबनम मौसी ने किन्नर परंपरानुसार मृत्यु से पूर्व रोटी समारोह (मृत्युभोज) का आयोजन कर एक अनूठी मिसाल पेश की है। सोहागपुर विधानसभा से वर्ष 1998 में विधायक बनीं शबनम मौसी ने बताया कि यह आयोजन किन्नर समाज की परंपरा का हिस्सा है, जिसमें वे अपनी मृत्यु से पहले ही मृत्युभोज संपन्न कर लेते हैं। शबनम मौसी ने एक प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि इस अवसर पर देशभर से लगभग 1500 किन्नर अनूपपुर में एकत्र हुए हैं। इस महाभोज कार्यक्रम में बहुचरा माता की पूजा-अर्चना और सामाजिक मेलजोल का माहौल देखने को मिला। मौसी ने बताया कि यह परंपरा किन्नर समाज की मान्यता है, क्योंकि किन्नरों की कोई संतान नहीं होती, अतः वे जीते जी ही अपने अंतिम भोज का आयोजन करते हैं।

कलश यात्रा का आयोजन

शबनम मौसी ने यह भी बताया कि आज से ठीक चाैंथे दिन शहर में कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसका उद्देश्य शहर में अमन, चैन और तरक्की की कामना है। यह कलश यात्रा किन्नर समाज की ओर से निकाली जाएगी, जो समाज से आशीर्वाद और समृद्धि की कामना के साथ विभिन्न स्थानों पर जाएगीऍ मौसी ने कहा जब समाज समृद्ध होता है, तभी किन्नर समाज का भी भरण-पोषण संभव है।

किन्नर सम्मेलन और बाजार

इस भव्य आयोजन के अंतर्गत किन्नर समाज के उपयोगी सामानों का बाजार भी लगाया गया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए 15 बाउंसर, पुलिसकर्मी और स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं। आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रहा है।

विवादों पर जवाब

हालिया विवादों पर प्रतिक्रिया देते हुए शबनम मौसी ने स्पष्ट किया, हम किन्नर हैं, बधाई और आशीर्वाद के नाम पर धन मांगते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम लोगों की मदद भी करते हैं। यह हमारी जीवनशैली और परंपरा का हिस्सा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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